चित्रकूट की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अमृतपाल कौर ने बुधवार को विकास भवन में संचालित कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें दो अधिकारी और नौ कर्मचारी अनुपस्थित मिले। सीडीओ ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण की खबर मिलते ही कार्यालयों से नदारद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया और वे आनन-फानन में विकास भवन पहुंचे। सीडीओ ने कुल 11 लोगों को अनुपस्थित पाया, जिनमें दो अधिकारी और नौ कर्मचारी शामिल थे। निरीक्षण के दौरान, डीडीओ का जीप चालक राघवेंद्र सिंह पिछले चार माह से अनुपस्थित पाया गया। सीडीओ ने डीडीओ को उसके विरुद्ध चार्जशीट गठित कर विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उपायुक्त स्वतः रोजगार कार्यालय में विकास मिश्रा 19 नवंबर से बिना सूचना के अनुपस्थित मिले, जिनका अनुपस्थिति दिवस का मानदेय रोकने के निर्देश परियोजना निदेशक डीआरडीए को दिए गए। इसी क्रम में, उद्यमी मित्र सुधा सिंह भी कार्यालय में अनुपस्थित मिलीं। समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में मल्टी-टास्क शिवपूजन अनुपस्थित पाए गए, हालांकि समाज कल्याण अधिकारी राज्य निगरानी समिति की सदस्य राधा वाल्मीकि के भ्रमण कार्यक्रम में गए हुए थे। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भी अपने कार्यालय कक्ष में अनुपस्थित मिले। डीपीआरओ कार्यालय में डीसी एमआईएस हरवीश कुमार, डीसी एसएलडब्ल्यूएम यशवंत यादव, अकाउंटेंट राहुल शुक्ला, कमलेश गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अनुपस्थित पाए गए। सीडीओ ने डीपीआरओ को इन सभी का एक दिन का मानदेय रोकने के निर्देश दिए। सहायक चकबंदी अधिकारी क्षेत्र कर्वी कार्यालय में रंजिता सिंह 13 अक्टूबर से लगातार अनुपस्थित मिलीं, जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया गया। सीडीओ ने डीआरडीए कार्यालय कक्ष में पड़ी निष्प्रयोज्य सामग्री को सूचीबद्ध कर नीलामी करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यालय में प्रयोग के लिए खराब पड़ी फोटोकॉपी मशीन को तत्काल ठीक कराया जाए और इंडियन बैंक के पास खराब पड़े आरओ को हटवाया जाए।
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