चित्रकूट में खाद की कमी और कालाबाजारी को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। गुरुवार को एडवोकेट प्रखर पटेल और समाजसेवी मुकेश कुमार के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर डीएम को तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। किसानों ने आरोप लगाया कि खाद माफिया और कुछ निजी दुकानदारों की मिलीभगत से डीएपी और यूरिया के दाम मनमाने तरीके से बढ़ाए जा रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। ज्ञापन में किसानों की पहली मांग थी कि बुवाई के मौसम में डीएपी और यूरिया खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए, ताकि किसी भी किसान को परेशानी न हो। दूसरी मांग में कहा गया कि डीएपी 1350 रुपये प्रति बोरी और यूरिया 266 रुपये प्रति बोरी की सरकारी दर पर ही निजी दुकानों से किसानों को खाद मिले। किसानों का कहना है कि दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली कर रहे हैं। तीसरी मांग में स्पष्ट किया गया कि खाद खरीदते समय किसानों पर जिंक या अन्य उर्वरक जबरन न थोपे जाएं। किसानों ने इसे अवैध और किसान विरोधी प्रथा बताया। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आमरण अनशन शुरू करने को मजबूर होंगे। प्रतिनिधिमंडल ने जोर देकर कहा कि खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाना प्रशासन की जिम्मेदारी है और किसानों के साथ किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ज्ञापन सौंपते समय बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। इनमें एडवोकेट प्रखर पटेल, समाजसेवी मुकेश कुमार, अजय शहदेव, कृष्णकांत, कुलदीप, अतुल, माइकल, नत्थू, ऋषि कुमार, वीरेंद्र, लवकुश, रामबाबू, संदीप, साहिल, दिनेश और रामसुहावन सहित कई किसान शामिल थे। किसानों ने कहा कि अब प्रशासन को निर्णय लेना है, या तो खाद उपलब्ध कराई जाए, या फिर वे आंदोलन के लिए तैयार रहें।
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