जमीन खरीदने और बेचने के मामले में अब चहारदीवारी (बाउंड्री वॉल) का मूल्यांकन भी अनिवार्य कर दिया गया है। निबंधन विभाग ने इस संबंध में नए सर्किल रेट की रूपरेखा तैयार कर ली है, जो इस माह से लागू होगी। पहले केवल कवर्ड एरिया (निर्मित क्षेत्र) के हिसाब से स्टाम्प शुल्क लगता था, लेकिन अब अर्धनिर्मित संपत्ति जैसे चहारदीवारी पर भी स्टाम्प शुल्क देना होगा। नई व्यवस्था के अनुसार अगर प्लॉट पर छत नहीं बनी है तो चहारदीवारी का मूल्यांकन तीन श्रेणियों में किया जाएगा। पांच फीट तक ऊंची दीवार का मूल्यांकन 1000 रूपए प्रति रनिंग फीट, पांच फीट से अधिक (बीम रहित) दीवार का 2000 रूपए प्रति रनिंग फीट और बीम सहित दीवार का 4000 रूपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मूल्य तय होगा। एआईजी स्टाम्प राकेश चंद्रा के अनुसार, इस संशोधन से चहारदीवारी के मूल्यांकन को लेकर होने वाले विवादों पर अंकुश लगेगा और साथ ही स्टाम्प वादों में कमी आएगी। इससे आम लोगों को राहत मिलेगी और साथ ही सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होगी। इस बदलाव से जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और विवाद मुक्त होगी, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों ही सुरक्षित रहेंगे। निबंधन विभाग ने इस नए नियम को लेकर व्यापक तैयारी कर ली है और जल्द ही इसे प्रभावी कर दिया जाएगा।
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