बुलंदशहर नेशनल हाईवे-91 पर 2016 में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष के साक्ष्य पूरे हो गए हैं। न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है, जिस दिन न्यायालय का फैसला आने की संभावना है। यह घटना 30 जुलाई 2016 की रात को हुई थी। नोएडा का एक परिवार कार से शाहजहांपुर जा रहा था, जहां उन्हें एक शोक कार्यक्रम में शामिल होना था। देर रात बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने उनकी कार रोक ली। कार में मां-बेटी सहित परिवार के पांच सदस्य सवार थे। आरोपियों ने परिवार के सदस्यों को बंधक बना लिया और उन्हें सड़क किनारे एक खेत में ले गए। वहां मां और नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी उनसे सामान लूटकर फरार हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। शुरुआती जांच में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई थी। इस मामले के एक अभियुक्त सलीम की कुछ वर्ष पहले सुनवाई के दौरान बीमारी से मौत हो गई थी। फिलहाल, इस मामले में पांच अन्य आरोपी शेष हैं। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वरुण कौशिक ने बताया कि यह मामला विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) ओमप्रकाश वर्मा तृतीय के न्यायालय में विचाराधीन है। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 25 गवाह पेश किए गए हैं। अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों के साक्ष्य पूरे हो चुके हैं, जिसके बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है और 20 दिसंबर को सुनवाई होनी है। उम्मीद है कि इस दिन कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
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