गोंडा जिले के वित्त एवं लेखा विभाग बेसिक में तैनात लिपिक अनुपम पांडेय के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के पत्र का संज्ञान लेते हुए महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने उनके तबादले के संबंध में अधिकारियों को तत्काल पत्रावलियां प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने चर्चित लिपिक अनुपम पांडेय को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। समग्र शिक्षा की महानिदेशक ने शिक्षा निदेशक बेसिक उत्तर प्रदेश, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज और वित्त नियंत्रक उत्तर प्रदेश से अनुपम पांडेय के तबादले से संबंधित पत्रावलियां तलब की हैं। अनुपम पांडेय के तबादले की मांग शिक्षक संगठनों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी। गोंडा के शिक्षा विभाग में उनके कथित भ्रष्टाचार को लेकर दैनिक भास्कर ने कई खबरें प्रकाशित की थीं। इन खबरों का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने 20 नवंबर को शासन को उनके तत्काल तबादले के लिए पत्र लिखा था। जिलाधिकारी ने अपने पत्र में उल्लेख किया था कि कनिष्ठ लिपिक अनुपम पांडेय 27 वर्षों से एक ही कार्यालय में तैनात हैं। उनके खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर एसटीएफ जांच कर रही है। इसके अतिरिक्त, 500 शिक्षकों के वेतन व एरियर भुगतान मामले में एसआईटी भी जांच कर रही है। एक अन्य मामले में नगर कोतवाली पुलिस भी जांच कर रही है। एडी बेसिक की जांच में भी अनुपम पर पत्नी और बेटी की नियुक्ति तथा वेतन भुगतान में वित्तीय अनियमितता के आरोप सही पाए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। डीएम ने आशंका जताई थी कि अनुपम पांडेय भ्रष्टाचार सहित अन्य चल रही जांचों को प्रभावित करने के लिए दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर सकते हैं, जिसके आधार पर उन्होंने कार्रवाई की संस्तुति की थी।
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