हापुड़ में एक सरकारी कर्मचारी के फर्जी ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला सामने आया है। उत्तराखंड के चमोली जिले में तैनात अरुण कुमार वर्मा की मौत के बाद हापुड़ में दूसरा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस मामले में हापुड़ जिला एवं सत्र न्यायालय के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नगर पालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी, लेखपाल सहित कुल 14 लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। हापुड़ नगर कोतवाली में सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार, अरुण कुमार वर्मा की मृत्यु 1 जून 2024 को चमोली में हृदय गति रुकने से हुई थी। उनकी मौत की पुष्टि वहां के सरकारी अस्पताल में हुई और पोस्टमॉर्टम भी कराया गया। इसके बाद 2 जून 2024 को उत्तराखंड के करण प्रयाग स्वास्थ्य विभाग ने उनका असली मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किया था। आरोप है कि इसके बावजूद हापुड़ निवासी मीना वर्मा ने खुद को अरुण वर्मा की पत्नी बताते हुए 19 जुलाई 2024 को हापुड़ नगर पालिका से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दूसरा मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया। बताया जा रहा है कि इसका उद्देश्य मृतक के आश्रित के रूप में नौकरी, पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे सरकारी लाभ हासिल करना था। जब अरुण वर्मा की कानूनी पत्नी चंद्रकला वर्मा को इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली, तो उन्होंने हापुड़ की सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की। अधिवक्ता शिवकुमार शर्मा की पैरवी के बाद न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। एफआईआर में मीना वर्मा, उसके परिवार के सदस्य, और हापुड़ नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार, मुख्य सफाई निरीक्षक, सफाई नायक, कानूनगो और लेखपाल को आरोपी बनाया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर ने बताया कि एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग राज्यों से जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। न्यायालय के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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