मेरठ के चंद्रलोक काॅलोनी के पार्क में चल रहे श्रीमद़ भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ कार्यक्रम के तीसरे दिन व्यास जी श्री जनार्दन तिवारी जी ने ध्रुव चरित्र का वर्णन किया। कहा कि जो लोग अपने जीवन में भगवान को सर्वाधिक महत्व देते हैं वो भगवान के परम प्रिय होते हैं, जो लोग अच्छे अच्छे व्रतों अर्थात नियम का पालन करते हें वो भगवान को परम प्रिय होते हैं। ध्रुव का चरित्र दृढ़ संकल्प, अटूट भक्ति और आत्म-समर्पण के महत्व को दर्शाता है, जहां बचपन में सौतेली मां द्वारा अपमानित ध्रुव, अपनी मां सुनीति की प्रेरणा से तपस्या कर भगवान विष्णु को प्राप्त करते हैं और ध्रुवतारे के रूप में अमर हो जाते हैं। वहीं प्रियव्रत और प्रहलाद का चरित्र बताता है कि जो भगवानका संरक्षण प्राप्त करता है अग्नि में भी सामर्थ्य नहीं है कि वह उसे जला सके। यह सारस्वरूप है कि सृष्टि का संचालक प्रभु हैं इसलिए माया का भोग करते हुए मायापति के चरण में अपने जीवन को समर्पित करो। कल्याण निश्चित हो जाएगा। आयोजन की जानकारी देते हुए सचिन कुमार गुप्ता ने बताया कि कथा के मुख्य यजमान जयभगवान मित्तल और सह यजमान प्रदीप गुप्ता-अशोक गुप्ता तम्बाकू वाले रहे। कथा में प्रमुख रूप से सेंसरपाल, पप्पू कंसल, शिवम शर्मा, देव, ओंकार दत्त शर्मा, प्रीति गर्ग, विभा तिवारी, मीना शर्मा आदि श्रोता प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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