चंदौली लोकसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद वीरेंद्र सिंह ने संसद में पूर्वांचल और आसपास के छात्रों तथा कामगारों के महंगे रिहायशी खर्च का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से महानगरों में सस्ती आवासीय व्यवस्था और उनकी सुरक्षा के लिए ठोस पहल तथा कानून बनाने की मांग की। सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि महानगरों में पढ़ने जाने वाले छात्रों को महंगा रिहायशी खर्च उठाना पड़ता है। कई छात्र प्रतियोगिताएं पास करने के बावजूद महंगी आवासीय व्यवस्था और नियमों की कमी के कारण वापस लौट जाते हैं, जिसे उन्होंने ‘राष्ट्रीय क्षति’ बताया। उन्होंने पूर्वांचल और बिहार से आने वाले कामगारों का भी जिक्र किया। सांसद ने बताया कि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में छोटी तनख्वाह पर काम करने वाले इन कामगारों का दो-तिहाई से अधिक पैसा आवासीय खर्च में चला जाता है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। सांसद ने सरकार से मांग की कि सभी महानगरों के लिए किराया विनियमन ढाँचा (रेंट रेगुलेशन फ्रेमवर्क) तैयार किया जाए। उन्होंने डिपॉजिट के नाम पर चार-छह महीने का किराया लेने की प्रथा पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश बनाने की भी बात कही। इसके अतिरिक्त, वीरेंद्र सिंह ने अनिवार्य डिजिटल समझौते की व्यवस्था लागू करने और पीजी (पेइंग गेस्ट) में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए सरकार से पहल करने का आग्रह किया।
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