चंदौली के शहाबगंज ब्लॉक के विभिन्न गांवों में किसानों की 200 बीघा से अधिक धान की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों का आरोप है कि यह नुकसान बीएन सीड कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए खराब गुणवत्ता वाले बीजों के कारण हुआ है। इस घटना से किसानों में भारी नाराजगी है। किसानों को बीएन सीड कंपनी ने बताया था कि धान की नाटी मंसूरी सुवर्णा प्रजाति 15 दिन पहले पककर तैयार हो जाएगी और प्रति एकड़ 45 क्विंटल तक उपज देगी। किसानों ने अच्छी किस्म समझकर ये बीज खरीदे, लेकिन परिणाम इसके विपरीत रहा। खेतों में खड़ी फसल में मुश्किल से 40 प्रतिशत बालियां निकली हैं और उनमें भी दाने कम हैं। किसानों द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद बीएन सीड कंपनी के अधिकारियों ने खेतों का सर्वे किया, लेकिन अब तक कंपनी की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। किसान विकास मंच के संगठन मंत्री और उपाध्यक्ष इंद्रदेव यादव ने भी किसानों के खेतों का निरीक्षण किया। किसानों ने बताया कि कंपनी ने उनसे पैसे तो ले लिए, लेकिन फसल खराब होने पर पल्ला झाड़ लिया। किसान नेता राम अवध सिंह ने सलाह दी है कि किसानों को बीएन सीड कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई और दंड स्वरूप राशि वसूलने की मांग करनी चाहिए। इस संबंध में उप कृषि निदेशक भीम सेन और जिला कृषि अधिकारी डॉ. विनोद यादव को भी जानकारी दी गई है। शहाबगंज ब्लॉक के जिगिना, बरांव, अरारी, सेमरां, मसोईं, हड़ौरा, बरियारपुर लेहरां और बड़ौरा सहित कई गांवों के किसानों ने इस धान की खेती की थी। खरीफ की फसल चौपट होने से पीड़ित किसानों ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। आक्रोश व्यक्त करने वालों में प्रमुख रूप से राम अवध सिंह, इंद्रदेव यादव, राजबंश, रामचरन, मनोज, उमेश यादव, पप्पू, मिठ्ठू यादव, चंदन सिंह और सत्यनारायण सिंह शामिल हैं।
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