चंदौली जिले के धानापुर विकासखंड क्षेत्र के खड़ान गांव में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यह औषधालय बिना चिकित्सक के केवल एक फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां न तो दवाएं उपलब्ध हैं और न ही कोई चिकित्सक नियमित रूप से बैठता है। कागजों में इसे चार बेड का अस्पताल बताया गया है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। खड़ान गांव निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रेम सिंह ने बताया कि इस औषधालय की स्थापना 1993 में तत्कालीन ग्राम प्रधान स्वर्गीय बीरेंद्र प्रताप सिंह के प्रयासों से की गई थी। उस समय चिकित्सकों की तैनाती भी की गई थी। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बलवंत सिंह ने जानकारी दी कि राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय में चिकित्सक मिलन सिंह की तैनाती है, लेकिन वह आज तक अस्पताल नहीं आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि चिकित्सक आते तो गरीबों का कम पैसे में बेहतर इलाज हो पाता। ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैये पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इसी गांव से जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य के पति (जो धानापुर के ब्लॉक प्रमुख हैं) होने के बावजूद औषधालय की यह दुर्दशा सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल रही है। जनपद के अन्य आयुर्वेदिक चिकित्सालयों का भी लगभग यही हाल है, जहां कहीं चिकित्सालय हैं तो डॉक्टर नहीं। यह स्थिति जिले में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को दर्शाती है।
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