चंदौली जिले में संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में कलेक्ट्रेट प्रभारी विनय कुमार को एक ज्ञापन सौंपा। पेंशनर्स की मुख्य मांगों में पुरानी पेंशन योजना की बहाली और वेतन पुनरीक्षण के आधार पर पेंशन का पुनरीक्षण शामिल है। पदाधिकारियों ने बताया कि सरकारी सेवा के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन ही एकमात्र सहारा होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पेंशनर्स के मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय नहीं ले रही है, जिससे उन्हें निराशा हो रही है। पेंशनर्स ने तर्क दिया कि यदि वेतन की धनराशि का पुनरीक्षण किया जाता है, तो उसी आधार पर प्राप्त पेंशन का पुनरीक्षण भी न्यायसंगत होगा। उन्होंने उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ के उस फैसले का हवाला दिया, जिसमें पेंशन को ‘रुका हुआ वेतन’ माना गया है। समिति ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के लगभग एक करोड़ से अधिक पेंशनभोगी हैं। वेतन आयोगों ने सेवारत कर्मचारियों के वेतन संशोधन के साथ-साथ मौजूदा पेंशनभोगियों की पेंशन में संशोधन की भी सिफारिशें की थीं। उन्होंने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग में मौजूदा पेंशनभोगियों की पेंशन में संशोधन को शामिल न करने को अनुचित बताया। पेंशनर्स ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि जहां युवा और सक्षम लोगों को वेतन संशोधन का लाभ देने का प्रस्ताव है, वहीं वृद्धों को इससे वंचित रखा जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान दीनानाथ शर्मा, शिवमूरत प्रसाद, केएन सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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