चंदौली जिले के नियामताबाद ब्लॉक के महीदियुल (गोपालपुर) गांव में ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। आधुनिक विकास के दावों के बावजूद, यहां के लोग दशकों पुरानी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गांव में नदी पार करने के लिए एक अस्थायी बांस का पुल बनाया गया है, जिससे लोग आवागमन करते हैं। यह कच्चा और गड्ढेदार रास्ता छोटे बच्चों, बुजुर्ग महिलाओं और मजदूर किसानों के लिए हर दिन दुर्घटना का जोखिम पैदा करता है। ग्रामीणों द्वारा साझा किए गए वीडियो में उनकी रोज़मर्रा की परेशानियां स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। गांव के निवासी शिवमूरत, भूसी छोटेलाल, अरविंद, सुजीत, महेंद्र, वीरेंद्र, रामललित, राम, शालित, पारस, बब्बू, सुरेश, कल्लू, दशमी, कन्हैया, रामायण, चंदन, रामकृत, संजू, शिया राम, नागेंद्र, मानू, राम जी, शंकर, राजेंद्र सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि यह स्थिति लगभग 70 वर्षों से बनी हुई है। उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सड़क, पुल, संपर्क मार्ग और पानी निकासी जैसी कोई भी सरकारी सुविधा आज तक नहीं मिली है। उनके बच्चे भी स्कूल तक पहुंचने के लिए जोखिम भरा रास्ता तय करते हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें आज भी वह सुविधा नहीं मिल पाई है, जो एक सामान्य नागरिक का अधिकार है। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन राजेश कुमार ने बताया कि कई पुल और पुलिया बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि शासन से बजट मिलने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
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