प्रयागराज में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एफिलिएटिड राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय में नवनियुक्त शिक्षकों से घूस मांगने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पता चला है कि शिक्षकों से 2 लाख एडवांस मांगे गए। जबकि 5 लाख रुपये देने का एफिडेविट जमा करा लिया गया। अभी जानकारी सामने आई है कि रिश्वत के रूप में कुल 7 लाख रुपयों की डिमांड की गई। कुलसचिव की ओर से दी गई तहरीर इस मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर आशीष खरे की ओर से राजर्षि टंडन महिला कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर रंजना त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की दो धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई गई है। दो ट्रस्ट के खातों में जमा कराई गई रकम FIR में बताया गया है कि राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय का संघटक महाविद्यालय है। यहां के कुछ नवनियुक्त सहायक प्रोफेसरों ने शिकायत की है। आरोप लगाया है कि महाविद्यालय में नियुक्ति के पश्चात प्रधानाचार्य डॉ. रंजना त्रिपाठी, प्रधानाचार्या घर का पता 11/4-5, शशिपुरम काॅलोनी, शिवरामदास गुलाटी मार्ग ने दो ट्रस्टों गौरी पाठशाला सभा एवं हिन्दी विद्यापीठ के खातों में सात लाख रुपए घूस की मांग की गई। कुछ नवनियुक्त सहायक प्रोफेसरों से सेवा शुरु करने से पहले दो लाख रुपए पये खातों में स्थानांतरित कर देने के पश्चात सेवा शुरू कराई गई। प्रबंध समिति निलंबित की गई पांच लाख की राशि स्थानांतरित करने का घोषणा पत्र लिया गया। विश्वविद्यालय ने घटना का संज्ञान लेते हुए राजर्षि टण्डन महिला विद्यालय की प्रबंधन समिति को दिनांक 09.12.2025 को निलंबित कर दिया। कर्नलगंज पुलिस ने बताया कि शरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच पड़ताल कराई जा रही है।
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