श्रावस्ती के इकौना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज में कथित लापरवाही का मामला गरमा गया है। परिजनों का आरोप है कि सड़क दुर्घटना में घायल बच्चों के टांके लगाने के लिए अस्पताल कर्मियों ने उनसे बाहर से धागा मंगवाया। इस घटना के विरोध में पीड़ित परिवार पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठा है। यह घटना 17 अक्टूबर 2025 की सुबह की है। आकाश, सूरज और प्रिंस उर्फ सुनील कुमार मार्निंग वॉक पर निकले थे, तभी बाईपास पेट्रोल पंप के सामने उनकी दुर्घटना हो गई। तीनों को एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इकौना लाया गया था। परिजनों के अनुसार, गंभीर रूप से घायल बच्चों के कटे-फटे घावों पर टांका लगाने के लिए अस्पताल में आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं थी। कर्मचारियों ने परिवार से तुरंत धागा मंगवाने को कहा। इसके बावजूद बच्चों का उचित उपचार नहीं हो सका। आरोप है कि एक बच्चे को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि दूसरे को पर्याप्त प्राथमिक उपचार दिए बिना बहराइच रेफर कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक के खिलाफ शिकायत के बावजूद अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है। इसी मांग को लेकर परिवार संजय पार्क में धरने पर बैठा है और उन्हें लगातार जनसमर्थन मिल रहा है। भारतीय किसान यूनियन (भारत का किसान संगठन) ने भी पीड़ित परिवार का समर्थन किया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिनों के भीतर दोषी अधीक्षक को नहीं हटाया गया, तो वे झंडा–डंडा, कृषि यंत्र और ध्वनि प्रसारण यंत्रों के साथ आंदोलन करेंगे। इसमें रोड जाम, चक्का जाम और कार्यालयों का घेराव शामिल होगा।
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