बाराबंकी के दरियाबाद ब्लॉक स्थित उदवतनगर गांव की घाघरा झील पर बर्ड वाचिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान करीब 200 प्रजातियों के स्वदेशी और प्रवासी पक्षियों का अवलोकन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामसनेहीघाट के एसडीएम अनुराग सिंह थे, जबकि वन विभाग के एसडीओ अवधेश कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत की। देशभर से आए वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों और बर्ड एक्सपर्ट्स ने झील पर मौजूद विदेशी व स्थानीय पक्षियों की तस्वीरें लीं। प्रकृति प्रेमियों ने सुझाव दिया कि इन तस्वीरों को साझा कर उदवतनगर झील को एक प्रमुख बर्ड वॉचिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है, जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में एसडीएम अनुराग सिंह ने चयनित वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों को सम्मानित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वेटलैंड संरक्षण में वन विभाग के साथ-साथ ग्रामीणों की भी अहम भूमिका है। एसडीएम ने ग्रामीणों से झील को स्वच्छ और आकर्षक बनाए रखने में सहयोग की अपील की, ताकि यह स्थान प्रवासी पक्षियों के लिए अधिक सुरक्षित और अनुकूल बन सके। उन्होंने चेतावनी दी कि शिकार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना होगा, क्योंकि यह पक्षियों के लिए हानिकारक है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर नवीन बनौधा ने बताया कि उदवतनगर झील प्रवासी पक्षियों के लिए एक अनुकूल और समृद्ध वेटलैंड है। उन्होंने जानकारी दी कि अवलोकन के दौरान 100 से अधिक प्रजातियों के स्थानीय और प्रवासी पक्षी देखे गए। इनमें छोटा गरुड़, सारस, गडवाल, मार्श हैरियर, कॉटन पिग्मी गूस, मलार्ड, नॉर्दर्न पिनटेल, नॉर्दर्न शोवलर, बड़ा पनकौआ, ब्लू थ्रोट, सफेद खंजन, पीला खंजन, महान बगुला, कीच मुर्गी, लिटिल ग्रेब और कई अन्य दुर्लभ प्रजातियाँ शामिल थीं।
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