आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र के रहने वाले युवक-युवती 6 दिसंबर को घर से भाग गए थे। दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। घर वालों ने दोनों को तलाशा। समझा बुझाकर वापस बुलाया। इसके बाद पंचायत हुई। पंचायत में दोनों परिवार की रजामंदी से शादी करा दी। पंचायत में युवक से पूछा गया कि तुम पर कोई दवाब तो नहीं है। कहीं ऐसा न हो कि तीन महीने बाद लड़की की लाश मिले। उसको छोड़ तो नहीं देगा। ऐसे ही लड़की से पूछा गया। दोनों ने सहमति जताई तो मंदिर में ही दोनों की शादी करवा दी गई। ये मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है।
खेड़ा जवाहर निवासी संदीप और फतेहाबाद के कछपुरा हिमाउपुर निवासी नेहा 6 दिसंबर को एक साथ घर से चले गए थे। दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। वो शादी करना चाहते थे। दोनों एक ही समाज से हैं। 7 दिसंबर को समाज के लोगों की सती माता मंदिर पर एक बैठक बुलाई। समाज की बदनामी से बचने और दोनों के एक ही समाज से होने के कारण पंचों ने उनकी शादी कराने का फैसला किया। इसके बाद युवक-युवती को समझा बुझाकर बुलाया गया। मंदिर में पंचायत के बीच दोनों को बैठाया गया। इसमें मां सती जसोदा देवी सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रिंस कुशवाहा ने युवक से पूछा कि तुम किसी के दबाव में आकर तो शादी नहीं कर रहे। कहीं ऐसा न हो तीन-चार महीने बाद लड़की को ये कहकर छोड़ दो कि घर वाले स्वीकार नहीं कर रहे। ऐसा न हो कि 6 महीने बाद उसकी लाश मिले। एक बार सोच लो। अगर ऐसा कुछ होता है तो जिम्मेदारी तुम्हारी होगी। लड़के ने पंचायत में लड़की को अपने साथ रखने की सहमति जताई। लड़की से भी पूछा
इसके बाद युवती से भी सवाल पूछे गए। उससे पूछा कि अगर कल को लड़के ने छोड़ दिया तो क्या करोगी। लड़की बोली, वो ऐसा नहीं करेगा, मुझे विश्वास है। अगर लड़का कोई काम धंधा नहीं करेगा तो उसे छोड़ तो नहीं दोगी। कई सवाल के बाद जब लड़की ने अपनी सहमति दी तो दोनों के एक कागज पर साइन कराए गए। इसके बाद मंदिर में ही युवक ने युवती की मांग भरी। एक-दूसरे को जयमाला पहनाई। पंचायत में बंटी कुशवाहा, प्रधान मनीष कुशवाहा, प्रधान भोला कुशवाहा, प्रधान छोटू कुशवाहा, संजू कुशवाहा, डॉ. वेदप्रकाश कुशवाहा, रामकेश कुशवाहा सहित समाज के कई अन्य लोग मौजूद रहे।
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