मथुरा के गोवर्धन में परिक्रमा मार्ग को सांस्कृतिक रूप से सशक्त और सौन्दर्यपरक स्वरूप देने के उद्देश्य से 20.99 करोड़ रुपए की फसाड इम्प्रूवमेंट एवं साइनेज परियोजना पर कार्य किया जा रहा है। बड़ी परिक्रमा के प्रारम्भ से ग्राम अन्यौर तक भवनों के बाहरी स्वरूप को मथुरा स्थापत्य कला शैली के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। इसका निरीक्षण मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एस बी सिंह ने किया। मथुरा कला और बृज विरासत की दिखेगी झलक
निरीक्षण के दौरान मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एस बी सिंह ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत फसाड में राजस्थानी वास्तु कला की आर्क, जाली, रंग-संयोजन और पारंपरिक स्तंभ शैली का समावेश किया जा रहा है। काम पूरा होने पर परिक्रमा का रास्ता मथुरा कला और ब्रज विरासत की एकरूप प्रस्तुति के साथ आकर्षक व भव्य दिखाई देगा। 80 मजदूर कर रहे काम
मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एसबी सिंह ने बताया कि परिक्रमा मार्ग में फसाड विकास के लिए भवन मालिकों से सहमति लेकर भवनों के आगे के भाग की पुनर्रचना की जा रही है। जहां पर भवन नहीं हैं और केवल चारदीवारी मौजूद है, वहां भी फसाड का विकास किया जा रहा है। फसाड के आधार को मजबूती और सौंदर्य देने के लिए स्टोन क्लैडिंग का उपयोग किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान लगभग 80 श्रमिक स्थल पर काम करते मिले। जो सुदृढ़ीकरण, बेस तैयार करने, रंगाई–पुताई और डिजाइन निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं। काम की धीमी गति पर जताई नाराजगी
इस दौरान कार्य की गति पर असंतोष जताते हुए विप्रा उपाध्यक्ष एसबी. सिंह ने ठेकेदार राधे पब्लिसिटी को कम से कम 125 कारीगर लगाने तथा कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही अधिशासी अभियंता अमरदीप सिंह को सप्ताह में दो बार निरीक्षण कर गुणवत्ता बनाए रखने, प्रगति बढ़ाने तथा समयबद्ध रूप से परियोजना पूर्ण कराने की कड़ी हिदायत दी गई। एसबी सिंह का कहना है कि परियोजना पूरी होने पर गोवर्धन परिक्रमा मार्ग श्रद्धालुओं के लिए और भी अधिक सुगम, भव्य एवं ब्रज संस्कृति की अनूठी पहचान से परिपूर्ण दिखाई देगा।
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