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गोरखपुर शहर में 56 फीसदी मतदाताओं की मैपिंग बाकी:2003 की सूची से चल रहा मिलान; जिले में 74 प्रतिशत काम पूरा

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत गोरखपुर में गणना प्रपत्र भरने, उसे जमा करने और डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है। जिला निर्वाचन कार्यालय अब मैपिंग पर जोर दे रहा है। मैपिंग का मतलब है वर्तमान मतदाताओं के नामों का 2003 की मतदाता सूची से मिलान करना। जिले में यह काम 74 प्रतिशत पूरा हो चुका है। लेकिन गोरखपुर शहर में इसकी रफ्तार काफी सुस्त है। यहां 2003 की सूची से मैपिंग काफी कम है। जिले में अब तक मैपिंग का 74 प्रतिशत पूरा किया गया है। गोरखपुर शहर में मात्र 44 प्रतिशत मैपिंग हो सकी है। 56 फीसदी की मैपिंग अभी बाकी है।
गोरखपुर ग्रामीण में 64 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग हो चुकी है। खजनी सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में मात्र 11 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग की शेष रह गई है। चौरीचौरा विधानसभा में 12 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग अभी बाकी है । जिन मतदाताओं की मैपिंग हो जा रही है, उन्हें किसी भी तरह के पहचान या प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शहर में 2003 के बाद आबादी बढ़ी शहर विधानसभा क्षेत्र में मैपिंग की रफ्तार सुस्त होने के पीछे यहां की आबादी में बढ़ोत्तरी को कारण माना जा रहा है। जो विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण इलाकों को कवर करते हैं, वहां अधिकतर मतदाताओं का स्थायी निवास है। जबकि शहर का 2003 के बाद काफी विस्तार हुआ है। यहां की आबादी भी बढ़ी है। ऐसे में बहुत से मतदाता ऐसे हैं, जो 2003 के बाद ही यहां आकर बसे हैं। ऐसे में उनक नाम उस सूची में नहीं हैं। जिससे उनकी मैपिंग भी नहीं हो पा रही है। हालांकि दस्तावेज जमा करने के साथ ही उनका नाम मतदाता सूची में आ जाएगा।
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा ग्रामीण आबादी है। 2003 में इस विधानसभा का अस्तित्व भी नहीं था। हालांकि शहर, तब के कौड़ीराम व मुंडेरा बाजार विधानसभा क्षेत्रों में इसके हिस्से पड़ते थे। ऐसे में वहां भी अधिकतर मतदाताओं के नाम पुरानी सूची में दर्ज हैं। जिलाधिकारी दीपक मीणा इस कार्य की निगरानी कर रहे हैं। शुक्रवार को सदर तहसील सभगार में एसडीएम सदर दीपक गुप्ता ने बीएलओ व सुपरवाइजरों के साथ बैठक की। बैठक में बताया गया कि 2003 की मतदाता सूची से प्रत्येक परिवार की मैपिंग सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि गलत मैपिंग बूथ प्रबंधन और मतदान केंद्र निर्धारण, दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी। बैठक में बीएलओ की ओर से बताया गया कि फील्ड स्तर पर अधिकांश क्षेत्रों में मैपिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। पोर्टल पर उसकी फीडिंग अभी जारी है। एसडीएम ने एईआरओ और सुपरवाइजरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि फीडिंग में देरी पर जवाबदेही तय की जाएगी और संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
समीक्षा बैठक में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले सभी युवाओं का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाए। एसडीएम ने कहा कि हर पात्र नागरिक को मतदाता सूची में स्थान दिलाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अब जानिए किस विधानसभा क्षेत्र में कितनी मैपिंग बाकी है
विधानसभा – नो मैपिंग प्रतिशत कैंपियरगंज – 21
पिपराइच – 28
शहर – 56
ग्रामीण – 36
सहजनवां – 18
खजनी – 11
चौरीचौरा – 12
बांसगांव – 20
चिल्लूपार – 20


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