गोरखपुर की दीवानी कचहरी परिसर में आज बिजली विभाग की ओर से लोक अदालत लगाए जाने की सूचना दी गई थी। इस लोक अदालत में बिजली बिल, कनेक्शन, मीटर, लोड, कटौती और अन्य तकनीकी समस्याओं को लेकर आए उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनने और मौके पर ही समाधान करने का दावा किया गया था। इसके लिए सुबह 10 बजे का समय निर्धारित था, लेकिन तय समय बीत जाने के बावजूद बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। घंटों इंतजार के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
लोक अदालत में पहुंचे उपभोक्ताओं ने बताया कि वे सुबह से दीवानी कचहरी परिसर में मौजूद रहे। समय बीतता गया, लेकिन न तो लोक अदालत शुरू हुई और न ही विभाग की ओर से कोई सूचना दी गई। कई घंटे इंतजार करने के बाद भी जब कोई अधिकारी नहीं आया तो उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ती चली गई और अंततः उन्हें बिना सुनवाई के लौटना पड़ा। लोक अदालत में शामिल होने के लिए कई उपभोक्ता दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से पहुंचे थे। इनमें बुजुर्ग भी शामिल थे, जिन्होंने अपनी उम्र और स्वास्थ्य की परवाह किए बिना बिजली संबंधी समस्याओं के समाधान की उम्मीद में दीवानी कचहरी तक का सफर किया। उपभोक्ताओं का कहना है कि वे पहले ही बिजली कार्यालयों के चक्कर काटकर थक चुके थे और लोक अदालत को आखिरी उम्मीद मानकर आए थे, लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लगी। स्थगन या रद्द होने की कोई सूचना नहीं दी गई
उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि लोक अदालत किसी कारण से स्थगित या रद्द की गई थी, तो इसकी पूर्व सूचना दी जानी चाहिए थी। बिना सूचना के लोगों को बुलाना विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। लोगों का कहना है कि न तो किसी नोटिस बोर्ड पर जानकारी चस्पा की गई और न ही मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद था, जो स्थिति स्पष्ट कर सके। समय और पैसा दोनों हुआ बर्बाद
लोक अदालत में आए उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें यहां पहुंचने के लिए किराया खर्च करना पड़ा, रोजमर्रा का काम छोड़ना पड़ा और कई लोगों को पूरे दिन का समय देना पड़ा। इसके बावजूद उनकी समस्याओं की सुनवाई तक नहीं हो सकी। उपभोक्ताओं का कहना है कि इस तरह की अव्यवस्था से आम लोगों का विभाग पर भरोसा कमजोर होता है। कई इलाकों से पहुंचे सैकड़ों उपभोक्ता
लोक अदालत में गुलहरिया से प्रेमचंद, मोतीरामअड्डा से राकेश कुमार, रुस्तमपुर से अफजल खान, डोमिनगढ़ से राजकुमार और कौड़िया जंगल से अकालू सहित सैकड़ों उपभोक्ता अपनी-अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। सभी ने एक स्वर में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और नाराजगी जताई। लोक अदालत में बिजली विभाग की मौजूदगी का दावा
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता लोकेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बिजली विभाग की ओर से कुल 10 एक्सईएन (कार्यकारी अभियंता) मौजूद थे। उनका कहना है कि विभाग की ओर से लोक अदालत में पूरी तैयारी के साथ अधिकारी तैनात किए गए थे और बिजली से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए व्यवस्था की गई थी। बिजली विभाग की मौजूदगी की पुष्टि के लिए विभाग की ओर से फोटो भी जारी किए गए हैं। उनका कहना है कि फोटो में स्पष्ट रूप से बिजली विभाग के अधिकारी लोक अदालत परिसर में दिखाई दे रहे हैं, जिससे विभाग की उपस्थिति प्रमाणित होती है।
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