गोरखपुर में बिजली निगम ने बदले गए मीटरों की जांच प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ी कार्रवाई शुरू की है। लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि जीन्स कंपनी द्वारा उतारे गए मीटर समय पर परीक्षण खंड में जमा नहीं हो रहे हैं। कई मामलों में महीनों पहले बदले गए मीटरों की जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने से उपभोक्ताओं की बिलिंग प्रभावित हो रही थी। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए निगम ने पूरी प्रक्रिया को अपने नियंत्रण में ले लिया है। निगम के अनुसार शहर में कुल 6800 पुराने मीटर और सिलिंग रिफ्यूज उतारे जा चुके हैं। नियम के अनुसार हर बदला गया मीटर परीक्षण खंड में भेजा जाना अनिवार्य है, लेकिन जांच में यह सामने आया कि कई मीटर वहां तक पहुंचे ही नहीं। हाल में प्रकाशित रिपोर्ट के सामने आने के बाद विभाग सक्रिय हुआ और अब सभी मीटरों का रिकॉर्ड सख्ती से तैयार करने का निर्णय लिया गया है। विभाग ने बताया कि उतारे गए मीटरों में से 3787 मीटरों की विस्तृत सूची तैयार हो चुकी है। इस सूची में मीटर नंबर, उपभोक्ता की जानकारी, उतारने की तारीख, तकनीकी स्थिति और कारण जैसे सभी विवरण शामिल हैं। निगम ने स्पष्ट किया है कि यह सूची 30 नवंबर तक जीन्स कंपनी को सौंप दी जाएगी, ताकि सभी मीटर निर्धारित समय के भीतर परीक्षण खंड में जमा हो सकें। परीक्षण खंड में फिलहाल 1135 मीटरों की रिपोर्ट लंबित है, जबकि 916 मीटरों की जांच पूरी हो चुकी है। कई मीटर ऐसे मिले जिनकी प्रविष्टि ऑनलाइन दर्ज थी, लेकिन वे परीक्षण खंड तक पहुंचे नहीं। विभाग ने इसे गंभीर गड़बड़ी बताते हुए कंपनी को तत्काल सभी लंबित मीटर जमा कराने और रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
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