गोरखपुर में वीर बाल दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से बेनीगंज कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। संगोष्ठी का उद्देश्य सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान, साहस और धर्मरक्षा की गाथा को जन-जन तक पहुंचाना रहा। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि सन 1705 में गुरु गोविंद सिंह के दो बड़े सुपुत्रों ने आनंदपुर साहिब के समीप चमकौर की जंग में मुगल हुकूमत के अत्याचारों का विरोध करते हुए धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। वहीं, छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को सरहिंद में अमानवीय यातनाएं देकर जीवित दीवारों में चुनवा दिया गया। इन चारों साहिबजादों का बलिदान भारतीय इतिहास का अद्वितीय अध्याय है। वीर बाल दिवस की पृष्ठभूमि पर डाला गया प्रकाश
वक्ताओं ने कहा कि साहिबजादों के बलिदान को वैश्विक पहचान दिलाने और नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में घोषित किया है। इसी क्रम में देशभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। संगोष्ठी के दौरान कार्यालय परिसर में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से साहिबजादों की शहादत, त्याग और समर्पण से जुड़ी ऐतिहासिक झलकियां प्रदर्शित की गईं, जिन्हें उपस्थित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने देखा। बलिदान से मिलती है साहस और त्याग की प्रेरणा मुख्य अतिथि सहजानंद राय ने कहा कि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का सर्वोच्च बलिदान बच्चों और युवाओं में धैर्य, साहस और त्याग जैसे गुणों को विकसित करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं और उनके परिवार का बलिदान देश और धर्म की रक्षा की अमिट मिसाल है, जिसके लिए पूरा राष्ट्र कृतज्ञ है।
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