गोरखपुर में रेलवे कारखाना और दफ्तरों में कार्यरत रेलकर्मियों के लिए आरक्षित टिकट बनवाने की प्रक्रिया को और सरल कर दिया गया है। अब PTO और पास के आधार पर आरक्षित टिकट बनवाते समय किराए के अंतर की राशि नॉन कैश काउंटर पर QR कोड और UPI के माध्यम से जमा की जा सकेगी। इस नई व्यवस्था के लागू होने से नकद भुगतान की बाध्यता समाप्त हो गई है और टिकट बनवाने की प्रक्रिया अधिक सुचारू हो गई है। रेलवे प्रशासन ने यह सुविधा पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय स्थित प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय, यांत्रिक कारखाना गोरखपुर और तीनों मंडल कार्यालयों के नॉन कैश काउंटर पर लागू कर दी है। इन सभी स्थानों पर अब किराए के अंतर का भुगतान डिजिटल माध्यम से स्वीकार किया जा रहा है। अब तक नकद भुगतान से होती थी असुविधा अब तक रेलवे कारखाना और दफ्तरों के इन काउंटरों पर ड्यूटी पास और सुविधा पास पर ही आरक्षित टिकट बनवाने की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन किराए के अंतर का भुगतान नकद करना पड़ता था। कई बार नकद राशि न होने या छुट्टे की समस्या के कारण रेलकर्मियों को परेशानी होती थी और समय भी अधिक लगता था। नई व्यवस्था से टिकट प्रक्रिया होगी तेज डिजिटल भुगतान की सुविधा शुरू होने से टिकट बनवाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। QR कोड और UPI से भुगतान होने पर तुरंत लेनदेन पूरा हो जाता है, जिससे काउंटर पर भीड़ कम होगी और रेलकर्मियों का समय बचेगा। साथ ही भुगतान का पूरा रिकॉर्ड भी सुरक्षित रूप से उपलब्ध रहेगा। पारदर्शिता और सुविधा पर है जोर NER के CPRO पंकज कुमार सिंह के अनुसार इस व्यवस्था का उद्देश्य रेलकर्मियों को अधिक सुविधा देना और भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। डिजिटल माध्यम अपनाने से लेनदेन में स्पष्टता आएगी और किसी भी तरह की असमंजस की स्थिति नहीं बनेगी। रेलवे प्रशासन का कहना है कि भविष्य में नॉन कैश काउंटर से जुड़ी अन्य सेवाओं को भी डिजिटल भुगतान से जोड़ा जाएगा। इससे कारखाना और दफ्तरों में कामकाज की प्रक्रिया और अधिक आधुनिक व प्रभावी हो सकेगी।
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