गोरखपुर में सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर और उनके तीन शिष्य मती दास, सती दयाला के 350वें शहादत दिवस पर सोमवार को सिख समुदाय की ओर से भव्य शहीदी यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में महिला, पुरुष और बच्चो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। यात्रा में शामिल संगत ने भावुक कीर्तन कर शहरवासियों को सनातन धर्म की रक्षा के प्रति महान बलिदानियों के बलिदान और समर्पण को याद किया। यात्रा में गुरु का स्मरण करते हुए श्रद्धालु सुमेर सागर, विजय चौक, सिनेमा रोड, गणेश चौराहा, टाउनहॉल होते हुए शास्त्री चौक तक पहुंचे, जहां अरदास कर समापन हुआ। सनातन धर्म की रक्षा के लिए दिया बलिदान इस दौरान उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य और गुरुद्वारा मीडिया सचिव जगनैन सिंह नीटू सभी श्रद्धालुओं को बताया कि किस तरह औरंगजेब के खिलाफ सनातन धर्म की रक्षा करते हुए गुरुतेग बहादुर और उनके तीन शिष्य मौत के घाट उतारे गए। उन्होंने बताया- औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर को डरने के लिए उनके शिष्यों को बेरहमी से मारा लेकिन वे डरे नहीं फिर उसने गुरु तेग बहादुर का सर कलम करने का फरमान सुना दिया। सनातन धर्म की रक्षा के लिए वे हसते-हसते शहीद हो गए। वहीं जटाशंकर गुरुद्वारे के अध्यक्ष जसपाल सिंह ने कहा- आज इन महान बलिदानियों के शहादत को 350 वर्ष हो गए। इस दिन को पर पूरे विश्व में बहुत ही श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा और उनके बलिदान को याद किया जा रहा है। गोरखपुर में निकले इस यात्रा में सिख समुदाय ही नहीं बल्कि शहर के तमाम लोगों ने हिस्सा लिया। जिसमें पूर्व मेयर सत्या पांडेय, समाजसेवी सुधा मोदी के साथ गुरूद्वारे के अध्यक्ष जसपाल सिंह, जगनैन सिंह नीटू के साथ सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरूष और बच्चे शामिल रहें। 25 नवंबर को गुरुद्वारे में होगा कार्यक्रम
जगनैन सिंह नीटू ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 नवंबर को मुख्य शहीदी पर्व पर गुरुद्वारा में सुबह 8.30 से दोपहर 2.30 बजे तक फिर सायंकाल 6.30 से 9.30 बजे तक कीर्तन, सत्संग, कथा विचार, अरदास और गुरु के लंगर प्रसाद वितरण के कार्यक्रम चलेंगे।
https://ift.tt/J5kMwhR
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply