गोरखपुर में आयकर चोरी और वित्तीय लेनदेन में अनियमितता की जांच करने आई आयकर विभाग की टीमों ने बुधवार को भी शहर के पांच बड़े कारोबारियों के यहां पूरे दिन जांच पड़ताल की। दस्तावेजों के आधार पर लेनदेन से जुड़े नए मामले सामने आने पर हरिओम नगर निवासी एक ऑटोमोबाइल कारोबारी के आवास पर भी छापा मारा। टीम ने फैक्ट्री और आवास दोनों जगह दस्तावेजों और लेखा संबंधी रिकॉर्ड खंगाले। सूत्रों की माने तो अभी तक की जांच पड़ताल में आयकर विभाग की टीम को कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं जिसके आधार पर कुछ और कारोबारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि टीम यहां पांच दिन तक रहकर जांच करेगी। गुरुवार सुबह से फिर टीम कारोबारी के ठिकानों पर दस्तावेज खंगालना शुरू कर दिया है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान एक ऑटोमोबाइल एजेंसी के पार्टनर से भी अलग से पूछताछ की। पहले उनके खजांची चौराहा स्थित आवास पर टीम पहुंची और करीब दो घंटे तक जानकारी ली। संतोषजनक जवाब न मिलने पर टीम उन्हें साथ लेकर एजेंसी कार्यालय पहुंची, जहां लंबी पूछताछ की गई।
गोरखपुर में मेडिकल रोड स्थित ऑटोमोबाइल शोरूम एमबी मोटर्स, निदेशक के स्पोर्ट्स कॉलेज रोड स्थित आवास, बलदेव प्लाजा स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट के कार्यालय और आवास पर जांच की गई। इसके अलावा सूबा बाजार में शराब और बीयर के गोदाम, बरगदवा की एक साल्वेंट फैक्ट्री तथा गीडा में टैंकर निर्माण से जुड़े उद्यमी के ठिकानों पर जांच पड़ताल चल रही है। सूत्रों की मानें तो इन प्रतिष्ठानों की बैलेंस शीट एक ही चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा देखे जाने की जानकारी सामने आई है। इसी आधार पर आयकर विभाग के रडार पर संबंधित सीए भी आ गए हैं और उनके माध्यम से किए गए वित्तीय लेनदेन की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। सभी के कारोबार और नेटवर्क की चल रही जांच जांच में यह भी सामने आया कि इन कारोबारियों के विभिन्न व्यवसाय ऑटोमोबाइल, रियल एस्टेट, शराब, साल्वेंट और टैंकर उद्योग से जुड़े हुए हैं। आयकर विभाग का फोकस इन सभी व्यवसायों के वित्तीय लेन-देन और उनके नेटवर्क पर है। दो दिन तक चली प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कारोबारियों के ठिकानों से बड़ी संख्या में वित्तीय दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट और लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड मिले हैं। इसके अलावा, यह पता चला कि कारोबारियों के नेटवर्क में कई अन्य सहयोगी भी शामिल हैं, जिनके लेन-देन और भूमिका पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ज्वॉइंट डायरेक्टर (जांच) प्रांजल सिंह और असिस्टेंट डायरेक्टर उत्सव पांडेय के नेतृत्व में गोरखपुर से वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और मुरादाबाद की टीमों को कार्रवाई में शामिल किया गया। इस व्यापक कार्रवाई का उद्देश्य कारोबारियों के सभी वित्तीय नेटवर्क और लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा तैयार करना है। सूत्रों के अनुसार, विभाग द्वारा अब तक जमा किए गए दस्तावेजों का मिलान कर टैक्स चोरी के सटीक प्रमाण जुटाने का काम किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी दस्तावेज या रिकॉर्ड में वित्तीय अनियमितता मिलने पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग का मानना है कि यह जांच न केवल टैक्स चोरी की जानकारी जुटाने में मदद करेगी, बल्कि कारोबारियों के वित्तीय नेटवर्क को भी स्पष्ट करेगी। इस व्यापक कार्रवाई के बाद शहर के कारोबारी जगत में खलबली मची हुई है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद स्पष्ट रूप से पता चलेगा कि कौन-कौन से कारोबारी टैक्स चोरी में शामिल हैं। कर्मचारियों के आने जाने पर रोक
टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के तहत इंडियन टैंकर्स सेक्टर-15 के मुख्य फाटक को बंद कर दिया गया है। कर्मचारियों को अंदर या बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, और सभी के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। गेट के बाहर करीब चार वाहन खड़े हैं, लेकिन अंदर का कोई भी कर्मचारी मीडिया या बाहरी लोगों से बात करने को तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, विभाग का मकसद सभी दस्तावेजों और रिकॉर्ड को कब्जे में लेकर टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाना है। अधिकारियों ने बताया कि इन जगहों से महत्वपूर्ण दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट जब्त किए जा रहे हैं। 30 से ज्यादा गाड़ियों से पहुंची थी टीमें बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह भी आयकर विभाग की टीमें सिविल लाइंस स्थित कार्यालय से 30 से अधिक गाड़ियों में एक साथ रवाना हुईं। इनमें वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बरेली, मुरादाबाद और प्रयागराज से आई इन्वेस्टिगेशन टीमें शामिल थीं। करीब 200 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी इस सर्च ऑपरेशन में लगाए गए हैं। सुबह छह बजे से शुरू हुई जांच देर रात तक चली। जांच अभी दो दिन और हो सकती है।
दस्तावेज, कंप्यूटर और बैंक खातों की जांच
जांच टीमों ने कारोबारियों के आवास और प्रतिष्ठानों से कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, फाइलें और अन्य अहम दस्तावेज कब्जे में लेकर उनका मिलान शुरू कर दिया है। सर्च के दौरान सभी के मोबाइल फोन बंद कराए गए और घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई। दोपहर तक परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और लेखा से जुड़े लोगों का ब्योरा दर्ज किया गया। सूत्रों के अनुसार, सभी संबंधित कारोबारियों के बैंक खातों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। दस्तावेजों और खातों के मिलान के बाद ही टैक्स चोरी की वास्तविक राशि का खुलासा हो सकेगा। आईटी ने मंगलवार सुबह गोरखपुर में मारा छापा गोरखपुर के बड़े कारोबारी और उनसे जुड़े सहयोगियों के विभिन्न ठिकानों पर आयकर की कई टीमों ने मंगलवार की सुबह एक साथ छापा मारा। देवरिया और कुशीनगर में भी कारोबारी के ठिकानों पर टीमें पहुंची। टीम लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, प्रयागराज से पहुंची है। मेडिकल रोड स्थित एक ऑटोमोबाइल के शो रूम पर वाराणसी जिले के नंबर की गाड़ियों से टीम के आधा दर्जन सदस्य पहुंचे हैं। इसके साथ ही कारोबारी के स्पोर्ट्स कॉलेज स्थित आवास पर भी टीमें पहुंची हैं। वहीं गोलघर स्थित एक शापिंग कॉम्पलेक्स के बाहर भी टीमें पहुंची हैं। बताया जा रहा है कि कारोबारी के चार्टर्ड एकाउंटेंट का कार्यालय यहां हैं। इसके साथ ही बरगदवां क्षेत्र की एक फैक्ट्री में भी टीम के पहुंचने की चर्चा रही। 2 तस्वीरें देखिए…. रियल एस्टेट से हुई आय में हेराफेरी की आशंका आयकर विभाग की टीम ने गोरखपुर मंडल में ऑटोमोबाइल कारोबारी, साल्वेंट फैक्टरी, डिस्टलरी और रियल एस्टेट कारोबारी के यहां एक साथ छापा मारकर दस्तावेजों को खंगालने के पहले महीने भर होमवर्क किया था। इन सारे प्रतिष्ठान और फैक्टरी का एक-दूसरे से ताल्लुक पाया गया। विभाग के सूत्रों के मुताबिक, साल्वेंट फैक्टरी और रियल एस्टेट से हुई आय में हेराफेरी के कुछ प्रमाण मिले हैं जिसके बाद आयकर चोरी का शक गहरा गया है। टीम के पास पूरा दस्तावेज पहले से मौजूद था, अब सिर्फ उसका मिलान किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि करोड़ों के लेनदेन में हेराफेरी कर आय को छिपाया गया है। सूत्रों की मानें तो जुलाई में लखनऊ और वाराणसी से आई आयकर विभाग की टीम गोरखपुर निबंधन कार्यालय से टॉप-50 वाली रजिस्ट्रियों के दस्तावेज ले गई थी। इसके कुछ दिन बाद टीम ने सहजनवां और महराजगंज के – निबंधन कार्यालय में दस्तावेज खंगाले थे। इसमें फर्जी पैन कार्ड लगाकर रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया था। जांच के दौरान कुछ बड़ी रजिस्ट्री में रुपये खपाने का शक था। कुशीनगर में रियल एस्टेट – कारोबारी के यहां छापा भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो 30 से ज्यादा गाड़ियों से आईं टीमों को एक साथ गोरखपुर से अलग-अलग जगहों के लिए रवाना किया गया। यह भी पता चला है कि इन सारे प्रतिष्ठानों – का बैलेंस शीट भी एक चार्टर्ड अकाउंटेंट देखते हैं, लिहाजा आयकर विभाग के रडार पर वह भी आ गए हैं। गोरखपुर में सभी जगहों पर वाराणसी, लखनऊ और मुरादाबाद की टीमों ने कार्रवाई की है, जबकि देवरिया के उसरा बाजार इंडस्ट्रियल एस्टेट में शराब बनाने वाली फैक्टरी फॉरएवर डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड पर सीतापुर से पांच गाड़ियों से आए अफसरों ने जांच-पड़ताल की। बताया जा रहा है कि गोरखपुर के कारोबारी तन्मय मोदी, अनीष मोदी और मनीष केडिया की संयुक्त फर्म है। इसी तरह महराजगंज में शुभम हीरो मोटरसाइकिल एजेंसी की जांच करने आई कानपुर की टीम के साथ गोरखपुर आयकर अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने प्रतिष्ठानों और फैक्टरी से सारे दस्तावेज, हार्ड डिस्क को अपने कब्जे में लिया है। साथ ही दस्तावेजों के साथ पूछताछ भी जारी है।
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