गोरखपुर में होने वाले मॉडल CI-VHND सत्रों की निगरानी अब आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स भी करेंगी। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए नव नियुक्त 105 सुपरवाइजर्स का अभिमुखीकरण किया गया। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने सत्र चेकलिस्ट, ODK एप और मॉनिटरिंग प्रक्रिया से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने सुपरवाइजर्स को बताया कि सत्रों का मूल्यांकन डेटा-आधारित और व्यवस्थित तरीके से हो ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। ICDS की भागीदारी सत्रों की गुणवत्ता बढ़ाएगी अभिमुखीकरण के दौरान CMO ने कहा कि मॉडल सत्रों में ICDS की भूमिका केंद्रीय है। अन्नप्राशन, गोदभराई, सुपोषण गतिविधियां और नियमित टीकाकरण जैसे कार्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही आगे बढ़ते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रसव पूर्व जांच, टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाएं और इनकी निगरानी जैसे संकेतांकों का पूरा होना ही मॉडल सत्र का मानक तय करता है। इसी कारण पर्यवेक्षण में सुपरवाइजर्स की सक्रिय उपस्थिति आवश्यक है। गर्भवती और धात्री सेवाओं पर विस्तृत जानकारी साझा CMO ने सुपरवाइजर्स को मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, जननी-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम और सेवा वितरण से जुड़े बिंदुओं पर ब्रीफ किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. विनय शंकर ने मॉडल CI-VHND मॉनिटरिंग टूल को समझाते हुए बताया कि कैसे इसके माध्यम से सत्रों की निगरानी अधिक व्यवस्थित और सटीक हो सकती है। सुपरवाइजर्स को प्रतिदिन ऑनलाइन-ऑफलाइन प्रशिक्षण अभिमुखीकरण कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अभिनव मिश्र ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और ICDS के संयुक्त प्रयास से सत्र और प्रभावी होंगे। नई सुपरवाइजर्स को प्रतिदिन सुबह 11 बजे राज्य स्तर से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि 10 से 11 बजे तक स्थानीय स्तर पर ऑफलाइन अभिमुखीकरण जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को मॉडल सत्रों की संरचना और ODK एप के उपयोग पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। यूनिसेफ प्रतिनिधि सुरेश तिवारी कार्यक्रम में समन्वय एवं सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
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