गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर इन दिनों ट्रेनों के लगातार देरी से पहुंचने के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड के बीच स्टेशन पर पहले से मौजूद यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इस स्थिति का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, महिलाओं और छोटे-छोटे बच्चों पर देखने को मिल रहा है। सोमवार को गोरखपुर स्टेशन पर पहुंचने वाली कई प्रमुख ट्रेनें अपने निर्धारित समय से काफी देरी से पहुंचीं। गोरखपुर हमसफर एक्सप्रेस को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर पहुंचना था, लेकिन यह ट्रेन करीब दस घंटे की देरी से रात सात बजे के बाद स्टेशन पहुंची। इसी तरह गोरखधाम एक्सप्रेस अपने तय समय से 12 घंटे से ज्यादा देर से गोरखपुर पहुंची।
इसके अलावा सुबह लगभग दस बजे आने वाली 13019 वाघ एक्सप्रेस 15 घंटे से अधिक देरी से पहुंची। 14009 चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस करीब 4 घंटे 29 मिनट लेट रही। 02563 बरौनी–नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन 16 घंटे 30 मिनट की देरी से स्टेशन पहुंची। 12203 गरीब रथ एक्सप्रेस लगभग आठ घंटे और 12566 बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस करीब 12 घंटे की देरी से पहुंची। कुल मिलाकर 15 से ज्यादा ट्रेनें अपने तय समय से काफी देर से गोरखपुर पहुंचीं।
ट्रेनों की देरी के कारण स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी साफ दिखाई दी। कई यात्री अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर ठंड में ट्रेन का इंतजार करते नजर आए। वहीं, ट्रेन पकड़ने के लिए समय से पहले पहुंचे यात्री प्लेटफार्म पर नीचे बैठकर ही समय काटते रहे। यात्रियों का कहना है कि वे दूर-दराज के इलाकों से यात्रा कर रहे हैं और ट्रेन की सही जानकारी न मिलने से उन्हें लंबे समय तक ठंड में इंतजार करना पड़ रहा है। कई लोगों ने मांग की कि रेलवे प्रशासन को सर्दी को देखते हुए यात्रियों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था, अलाव और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।
वहीं रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अत्यधिक ठंड और कोहरे के कारण ट्रेनों की गति कम हो गई है, जिससे परिचालन प्रभावित हो रहा है। इसी वजह से ट्रेनों में देरी हो रही है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि अतिरिक्त पीट की सुविधा न होने के कारण फिलहाल अतिरिक्त ट्रेनें चलाना संभव नहीं है।
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