गोरखपुर में लेनदेन के विवाद में 15 साल के अंबुज भारद्वाज उर्फ रिशु का अपहरण कर दोस्तों ने कुल्हाड़ी से गला काट दिया। वारदात के बाद बचने के लिए लाश कार से महराजगंज जिले में ले जाकर सिर व धड़ अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया। इधर लापता अंबुज के घरवालों ने तिवारीपुर थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। तलाश में जुटी तिवारीपुर थाने की पुलिस ने संदेह के आधार पर दो युवकों को पकड़ा। उनकी निशानदेही पर सोमवार की शाम किशोर का शव महराजगंज जिले से बरामद किया। हिरासत में लिए गए दो आरोपियों से तिवारीपुर थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम पूछताछ कर रही है। 26 नवंबर को लापता हुआ था अंबुज
तिवारीपुर के सूर्यविहार कालोनी में रहने वाले संतोष मणि त्रिपाठी उर्फ प्रकाशेंदु का 15 वर्षीय बेटा अंबुज भारद्वाज उर्फ रिशु 26 नवंबर की रात दोस्तों के साथ घर से निकला था। इसके बाद वापस नहीं लौटा। खोजबीन के बाद कुछ पता न चलने पर संतोष मणि त्रिपाठी ने तिवारीपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने के साथ ही आइजीआरएस पर इसकी शिकायत की। सर्विलांस व सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मदद से तलाश में जुटी तिवारीपुर थाना पुलिस ने सोमवार की सुबह अंबुज के दो दोस्तों को हिरासत में लिया। कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने हत्या करने की बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस टीम दोनों को लेकर महराजगंज जिले के भिटौली क्षेत्र में स्थित भैंसा–पिपरा खादर मार्ग पर देवरिया शाखा नहर पटरी पर ले गए। जहां अंबुज का कटा सिर पड़ा था। हिरासत में लिए गए आरोपियों की निशानदेही पर 10 किलोमीटर दूर श्यामदेउरवा क्षेत्र में नहर किनारे फेंका गया धड़ बरामद हुआ। घटना की जानकारी के बाद हड़कंप मच गया। महराजगंज जिले की पुलिस पोस्टमार्टम करा रही है। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किया। जांच में सामने आया कि अंबुज की हत्या लेन–देन के विवाद में हुई है। हिरासत में लिए गए युवकों ने पूछताछ में बताया कि कुल्हाड़ी से अंबुज के गले पर प्रहार कर हत्या की थी। उन्हें लगा कि गोरखपुर में शव मिला तो तुरंत पकड़े जाएंगे, इसलिए शव को कार में लादकर महराजगंज सीमा की ओर भाग निकले। आरोपियों के मोबाइल फोन का लोकेशन भी घटनास्थल के पास मिला था। तिवारीपुर पुलिस ने गुमशुदगी के मुकदमे में हत्या, अपहरण, सबूत नष्ट करने और षड्यंत्र की धारा बढ़ा दी है। घटना में शामिल तीसरे आरोपी की तलाश चल रही है। घटना की जानकारी होते ही किशोर के घर मातम पसर गया। हल्दी कार्यक्रम में जाने के लिए कार से निकला, वापस नहीं आया अंबुज के पिता संतोष मणि त्रिपाठी प्राइवेट जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा लगभग छह महीने पहले आयुष नामक युवक के संपर्क में आया था। 26 नवंबर को भी वह आयुष और कुछ अन्य दोस्तों के साथ एर्टिगा कार से हल्दी कार्यक्रम में शामिल होने निकला था। आयुष ने पूछताछ में बताया कि कार्यक्रम से निकलने के बाद दोस्तों ने दारू पार्टी की, जिसके दौरान रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद शुरू हुआ। यह कहासुनी देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई और आरोप है कि आयुष और उसके साथियों ने धारदार हथियार से अंबुज का गला काटकर उसकी हत्या कर दी। झूठ बोलते रहे दोस्त
अंबुज के गायब होने की सूचना मिलने पर पिता संतोष मणि ने आयुष से पूछताछ की। वह बताते हैं कि आयुष अक्सर उनके मोहल्ले में आता रहता था और हड़हवा फाटक के पास समय बिताता था। अंबुज की खोजबीन के दौरान वे पुलिस के साथ आयुष के घर भी गए। जहां उसने पहले बताया कि हल्दी कार्यक्रम के बाद मारपीट हुई थी। यह बात सुनकर संतोष मणि ने थाने में तहरीर दी। जिसके बाद पुलिस ने आयुष को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में आयुष ने रुपये के विवाद में हत्या करने की बात स्वीकार की।
मूलरूप से कैंपियरगंज निवासी संतोष मणि के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और अंबुज सहित दो बच्चे थे। अंबुज के अचानक चले जाने से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और अन्य साथियों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है। इस संबंध में एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि दोस्त ने किशोर का शव महराजगंज से बरामद कराया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
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