गोरखपुर नगर निगम में हुई स्थानीय एबीसी मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में निराश्रित श्वानों से जुड़ी बढ़ती शिकायतों को देखते हुए प्रोजेक्ट रिकग्निशन सर्टिफिकेट (PRC) की प्रत्याशा में एबीसी सेंटर के संचालन को मंजूरी दी गई। बैठक में एआरवी, डीवर्मिंग और बंध्याकरण का कार्य तत्काल प्रभाव से शुरू करने पर सहमति बनी। अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विनय पांडेय, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सदर) डॉ. शिव कुमार वर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. साकेत श्रीवास्तव, डॉ. रोबिन चंद्रा, डॉ. एफ. अंसारी, डॉ. विष्णु प्रताप सिंह, हैरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ. अनिता अग्रवाल सहित संबंधित विभागों और संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे। PRC मिलने तक कार्य जारी रखने का फैसला बैठक में निर्णय लिया गया कि PRC प्राप्त होने तक चयनित संस्था द्वारा एबीसी और एआरवी से संबंधित कार्य निर्बाध रूप से जारी रखा जाएगा। कार्यों की निगरानी और आपसी समन्वय के लिए स्थानीय एबीसी मॉनिटरिंग कमेटी का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने पर भी सहमति बनी, जिससे नियमित अपडेट और सुझाव साझा किए जा सकें। नौसड़ क्षेत्र में नया एबीसी सेंटर प्रस्तावित महानगर के दक्षिणी छोर नौसड़ क्षेत्र में नया एबीसी सेंटर विकसित करने की दिशा में भी बैठक में सहमति बनी। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप डॉग शेल्टर तैयार करने की कार्ययोजना बनाने, डॉग एंबुलेंस और डॉग कैचर वाहन की खरीद तथा समिति सदस्यों को एबीसी सेंटर का निरीक्षण कराने जैसे प्रस्तावों पर चर्चा की गई। डॉग फीडिंग पॉइंट और आवासीय व्यवस्था पर जोर समिति ने डॉग फीडिंग पॉइंट चिन्हित करने, निराश्रित श्वानों को आवासीय सुविधा देने और पालतू कुत्तों के पंजीकरण के लिए क्षेत्रवार कैंप लगाने का निर्णय लिया। ऑफलाइन और मोबाइल ऐप के माध्यम से डॉग रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने पर भी सहमति बनी।
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