गोरखपुर में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और इनकम टैक्स प्रोफेशनल्स के साथ एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में लखनऊ से आए प्रिंसिपल डायरेक्टर इन्वेस्टिगेशन, रमन कांत गर्ग ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) और विदेशी संपत्तियों (फॉरेन एसेट) की सही रिपोर्टिंग को लेकर अहम बातें कहीं।
उन्होंने बताया कि आयकर विभाग फॉरेन एसेट की सही जानकारी देने और आईटीआर में मौजूद कमियों को दूर करने के लिए एक जागरूकता अभियान चला रहा है। इसके तहत आईटीआर दाखिल करने वालों से कहा जा रहा है कि वे 31 दिसंबर 2025 से पहले अपने आईटीआर का रिव्यू जरूर कर लें। अगर रिटर्न में कोई गलती या कमी है, तो उसे समय रहते सुधार लें, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो। रमन कांत गर्ग ने कहा कि टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आईटीआर में दी गई सारी जानकारी पूरी और सही हो। इससे आगे चलकर नोटिस, जांच या अन्य दिक्कतों से बचा जा सकता है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से चर्चा के दौरान उन्होंने साफ किया कि सर्च और सर्वे से जुड़े मामलों को अभी भी सेंट्रलाइज तरीके से ही देखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर विभाग की ओर से भेजे जाने वाले मैसेज या ईमेल से डरने की जरूरत नहीं है। ये संदेश लोगों को डराने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें समय रहते अलर्ट करने के लिए भेजे जाते हैं। यह कोई “डेथ बेल” नहीं है, बल्कि एक सूचना है, जिससे विभाग और करदाता दोनों को सुविधा होती है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी को आयकर विभाग की ओर से मैसेज या ईमेल मिलता है, तो उसका सही और पूरा जवाब देना चाहिए। यदि सभी जानकारियां नियमों के अनुसार सही दी गई हैं, तो डरने की कोई बात नहीं है। हर मैसेज या ईमेल किसी कार्रवाई के लिए ही नहीं होता, बल्कि कई बार यह सिर्फ जानकारी या याद दिलाने के लिए होता है।
बैठक में बताया गया कि सरकार की ओर से आयकर दाताओं की सुविधा के लिए कई पहल की गई हैं। फॉरेन एसेट को लेकर एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोग अपनी विदेशी संपत्तियों की सही घोषणा कर सकें। कई मामलों में देखा गया है कि समय पर और सही स्पष्टीकरण न मिलने से समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। इसलिए ई-फाइलिंग पोर्टल को नियमित रूप से चेक करें और विभाग की ओर से मांगी गई जानकारी का जवाब दें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्च या सर्वे की कार्रवाई किसी ठोस और विश्वसनीय सूचना तथा नियमों के आधार पर ही की जाती है।
इस मौके पर प्रांजल सिंह, संयुक्त निदेशक आयकर जांच वाराणसी, उज्जवल पांडे, आयकर जांच गोरखपुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने भी बैठक में भाग लिया। आयकर अधिकारियों ने सीए द्वारा पूछे गए सवालों का एक-एक कर जवाब दिया, उनकी शंकाओं का समाधान किया और कई मामलों में यह भी बताया कि वे अपने क्लाइंट्स की ओर से किस तरह का जवाब दे सकते
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