गोरखपुर के पक्कीबाग स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में मंगलवार को महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर ‘गणित मेला’ का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। स्टूडेंट्स ने उत्साह दिखाते हुए इस प्रोग्राम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जिसके माध्यम से उन्हें गणित की बारीकियों को रोचक ढंग से समझने का अवसर मिला। आकर्षण का केंद्र, चार्ट, मॉडल और बाल मेला मेले में स्टूडेंट्स ने गणितीय सिद्धांतों पर आधारित आकर्षक चार्ट और वर्किंग मॉडल प्रदर्शित किए। इसके साथ ही, कार्यक्रम में ‘बाल मेला’ का भी आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों ने विभिन्न खाने-पीने के स्टॉल लगाए। इससे विद्यार्थियों में उद्यमिता और व्यावहारिक गणित (लेन-देन) के कौशल का विकास हुआ। रामानुजन के जीवन पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें स्टूडेंट्स ने उनके जीवन के तथ्यों को सवाल और जवाब के माध्यम से समझा। व्यावहारिक गणित हेतु ‘आनंद मेला’ (खाद्य स्टॉल)। गणित डरे नहीं, खेल- खेल में समझे प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के तौर पर डीडीयू के मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट की एचओडी प्रोफेसर उमा श्रीवास्तव मौजूद रहीं। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गणित से डरने के बजाय उसे खेल और तर्क के माध्यम से सीखना चाहिए। रामानुजन का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रतिभाओं का हुआ सम्मान कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि प्रोफेसर गोविंद पाण्डेय (मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर) उपस्थित रहे। उन्होंने विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रोग्राम में प्रिंसिपल डॉ. राजेश सिंह, प्रांतीय वैदिक गणित और कार्यक्रम के प्रमुख हरिकिशुन गिरी, रुक्मिणी उपाध्याय, शिवेंद्र मिश्रा के साथ सभी शिक्षक और भारी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।
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