गोरखपुर के पक्की सरस्वती शिशु मंदिर में ‘सप्तशक्ति संगम’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मातृ शक्ति के सम्मान के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। विद्यालय की छात्राओं ने देशप्रेम और भारतीय संस्कृति पर आधारित मनमोहक नृत्य और गीतों की प्रस्तुति दी। इस माध्यम से दर्शकों के मनोरंजन के साथ- साथ नारी शक्ति का संदेश दिया। सांस्कृतिक प्रदूषण से समाज और राष्ट्र को बचाना कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, सप्तशक्ति संगम की क्षेत्रीय संयोजिका निधि द्विवेदी रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें सांस्कृतिक प्रदूषण से समाज और राष्ट्र को बचाना है। यह सांस्कृतिक संक्रमण काल है। उन्होंने संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने का जिक्र करते हुए पंच परिवर्तन के माध्यम से समाज परिवर्तन को बताते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका सर्वोपरि है। उन्होंने समाज में मातृ शक्ति के सात आयामों और उनके महत्व पर विस्तार से चर्चा की नारी का स्थान घर में पूजनीय है। क्विज सेशन में डाउट किया दूर
कार्यक्रम में एक ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी (Quiz) का भी आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान महिलाओं और छात्राओं ने विशेषज्ञों से प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा को दूर किया। इस दौरान समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विशिष्ट माताओं को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। जिसमें शैल पाण्डेय, मीनाक्षी अग्रवाल, साक्षी सिंह, गीतांजलि मौर्य, किरण शामिल रहीं । कार्यक्रम की अध्यक्षता बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या रश्मि श्रीवास्तव ने की, इसके अलावा डॉ. रिचा सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर विद्यालय की उप प्रधानाचार्या रुक्मिणी उपाध्याय, सुधा त्रिपाठी, अन्य शिक्षक के साथ माताएं और बड़ी संख्या में अभिभावक मौजूद रहे।
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