गोरखपुर में इन दिनों शाम होते ही मसीही मोहल्लों के इर्दगिर्द ढोलक की थाप और हारमोनियम की आवाज सुनाई देने लगती है। हर वर्ग के लोगों के साथ चर्च के सदस्य कैरोल सिंगिंग के लिए घरों तक पहुंचते हैं। यीशु मसीह के जन्मदिन के शुभ समाचार को सुनाते हैं। सेंट एंथोनी चर्च धरमपुर से जुड़े लोगों ने भी रोज की तरह गुरुवार को लोगों के घरों में पहुंच कर केरोल सिंगिंग की। घरों पर कैरोल टीम जब पहुंची तो लोगों ने बड़े ही आनंद और श्रद्धा भाव के साथ उनका स्वागत किया। इसके बाद सभी ने मिलकर प्रभु के गीत “बैतल्हम के गौशाला में चमका एक सितारा, आया है यीशु आया है गुनहगारों को देने सहारा” गाकर हैप्पी क्रिसमस और नए साल की बधाईयां दिया। इस संगति में छोटे बच्चे से बड़े बुजुर्ग हर वर्ग के लोग शामिल हुए। कैरोल का मतलब आनंद का गीत
मसीही सेवक बी. पी. अलेक्जेंडर ने बताया कि कैरोल का मतलब आंनद का गीत होता है। बाइबल के अनुसार जब गड़ेरिए रात के समय भेड़ों को रखवाली कर रहे थे। स्वर्गदूतों ने दिया संदेश
उस दौरान स्वर्ग से स्वर्गदूत नीचे उतरे और एक शुभ संदेश दिया कि तुम्हारे लिए एक उद्धारकर्ता जन्मा है। अर्थात यीशु मसीह का जन्म हुआ है। हम आज तक इसी सुसमाचार को लेकर तमाम घरों तक पहुंचाते हैं। ताकि हर एक लोग इस उद्धार के पर्व में शामिल हो। उन्होंने बताया कि यह उत्सव दिसंबर महीने के पहले सप्ताह से शुरू होता है, जो 25 दिसंबर तक जाता है। सेंट जॉन चर्च बशारतपुर, क्राइस्ट चर्च शास्त्री चौक, ऐ.बी.सी.चर्च राप्ती नगर, आदि चर्चों में कैरल सिंगिंग का आयोजन चल रहा है। वहीं सेंट जोजफ चर्च सिविल लाइन में कैरोल सिंगिंग का आयोजन 14 दिसंबर और पीस टर्बेनिकल चर्च मयूर विहार में 18, 19, 20 दिसंबर को शुरू होगा।
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