मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गोरखपुर नगर निगम ने शहर में बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोगों की पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी क्रम में शाहपुर स्थित रैन बसेरा को डिटेंशन सेंटर के रूप में चिन्हित किया गया है। यहां पहचान होने पर ऐसे लोगों को रखा जाएगा और भोजन व इलाज की सुविधा दी जाएगी। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि नगर निगम के नियमित और आउटसोर्सिंग वाले सभी सफाई कर्मचारियों का सत्यापन पूरा कर लिया गया है। तीन सदस्यीय समिति—अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, डूडा के परियोजना अधिकारी राजू कुमार और सीएलसी प्रबंधक निसार खान ने यह जांच की। सत्यापन में किसी भी कर्मचारी के बांग्लादेशी या रोहिंग्या होने की बात सामने नहीं आई है। नगर आयुक्त ने बताया कि कचरा बीनने वाले और कबाड़ खरीद–बेचने वालों में ऐसे लोगों की संभावना हो सकती है, लेकिन इसकी पहचान पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई से ही संभव है। इस संबंध में पूरी रिपोर्ट कमिश्नर और जिलाधिकारी को भेजी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने 22 नवंबर को सभी जिलाधिकारियों को अवैध घुसपैठ पर सख्त और त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। 50 बेड का डिटेंशन सेंटर तैयार
शाहपुर आवास विकास कॉलोनी के रैन बसेरा को डिटेंशन सेंटर के रूप में चुना गया है। यहां कुल 50 बेड की क्षमता है। इमारत में तीन मंजिलों पर 12 कमरे, साथ ही 4 टॉयलेट और 4 वाशरूम हैं। फिलहाल यह रैन बसेरा मानव सेवा संस्थान द्वारा संचालित किया जा रहा है और इसमें पुरुषों के 30 तथा महिलाओं के 20 बेड की सुविधा है। बांग्लादेशी या रोहिंग्या लोगों की पहचान होने पर ही इस भवन का उपयोग डिटेंशन सेंटर के रूप में किया जाएगा। उनके लिए यहां भोजन, इलाज और सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे।
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