बलिया सहित विभिन्न तहसीलों में गोंड अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही देरी से अभ्यर्थी परेशान हैं। उत्तर प्रदेश लेखपाल भर्ती 2025 में अनुसूचित जनजाति के लिए 150 सीटें आरक्षित हैं, जबकि पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती में 26 सीटें आरक्षित हैं। इन भर्तियों के लिए अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र अनिवार्य है। भारत के राष्ट्रपतीय राजपत्र संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश संशोधन अधिनियम-2002 के तहत गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है। हालांकि, बलिया सदर तहसील से गोंड जाति के प्रमाण पत्र धीमी गति से जारी किए जा रहे हैं। अभी भी सैकड़ों आवेदन तहसीलों में लंबित पड़े हैं। ऑनलाइन आवेदन करने पर लेखपाल और तहसीलदार द्वारा आवेदनों को बार-बार अस्वीकृत किया जा रहा है, जिससे अभ्यर्थियों को अनावश्यक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई ऐसे गोंड अभ्यर्थी हैं जिनके परिवार में उनके पिता या भाई को पहले ही गोंड जाति प्रमाण पत्र जारी हो चुका है, लेकिन उन्हें स्वयं अपना प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। इस विलंब के कारण कई अभ्यर्थी लेखपाल भर्ती और पुलिस कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती में आवेदन करने से वंचित हो जाएंगे, जो उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कुंवर सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व महामंत्री और ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) के जिला संयोजक रंजीत गोंड निहाल ने जिला प्रशासन से मांग की है। उन्होंने कहा कि संविधान शासनादेश में दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए सदर तहसील बलिया सहित जिले की सभी तहसीलों से गोंड अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र सुगमतापूर्वक जारी किए जाएं। इससे कोई भी इच्छुक गोंड जनजाति अभ्यर्थी लेखपाल भर्ती और पुलिस भर्ती में आवेदन करने से वंचित नहीं होगा।
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