गोंडा जिले में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रकोप जारी है इसके बावजूद गोंडा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ट्रेनों के इंतजार में घंटों तक बैठे यात्री कड़ाके की सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं। देर रात 1 बजे से सुबह तक लोग टिकट काउंटर से लेकर प्लेटफॉर्म तक यात्री फर्श पर ठिठुरते नजर आ रहे है। कुछ लोग सीटों पर बैठे थे, तो कई फर्श पर बच्चों के साथ लेटे या बैठे थे। स्टेशन पर कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे यात्रियों को हाथ सेंकने का भी मौका नहीं मिल रहा। सरकार के सख्त निर्देश हैं कि ठंड से बचाव के लिए रैन बसेरे और अलाव की व्यवस्था की जाए, लेकिन गोंडा रेलवे स्टेशन पर इन निर्देशों का पालन होता नहीं दिख रहा। यात्री प्लेटफॉर्म के अंदर और बाहर दोनों जगह ठंड से बचने का प्रयास करते दिखे। कई यात्री ट्रेनों के लेट होने के कारण अपने परिवार और बच्चों के साथ प्लेटफॉर्म पर ही फर्श पर बैठकर खाना खाते भी देखे गए। इस संबंध में गोंडा रेलवे स्टेशन अधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेनें लेट होने के कारण यात्री स्टेशन पर इंतजार कर रहे हैं। 4 तस्वीरें देखिए… गोंडा जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि ठंड से बचाव को लेकर के सभी जगह पर रैन बसेरे बनाए जाने की निर्देश दिए गए हैं। रेलवे के अधिकारियों से आज इस पूरे मामले को लेकर की मेरे द्वारा बात की जाएगी रेलवे स्टेशन के बाहर जहां हमारा क्षेत्र है वहां पर हम लोगों द्वारा अलाव की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही साथ जिला प्रशासन द्वारा जिले के चारों तहसीलों में 9 से अधिक स्थानों पर रैन बसेरा बनाया गया है लेकिन रेलवे स्टेशन पर क्यों नहीं बना है इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
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