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गोंडा में PAC जवान ने 509 चांदी के सिक्के लूटे:मंदिर की खुदाई में मिला था कलश, फर्जी STF अफसर बनकर महंत को घेरा

गोंडा में एक पीएसी जवान नकली एसटीएफ अधिकारी बनकर लूट कर रहा था। पुलिस ने पीएसी जवान समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने 509 प्राचीन चांदी से सिक्कों से भरा कलश लूटा था। पुलिस ने इनके कब्जे से एक कार, 431 चांदी के प्राचीन सिक्के, एक कलश और दो फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बरामद किए हैं। बरामद चांदी के सिक्कों की कीमत करीब 20 लाख रुपए है। सिक्के साल- 1901 के पहले के बताए जा रहे हैं। वहीं, इस मामले में पीआरडी जवान समेत दो आरोपी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही। मामला देहात कोतवाली क्षेत्र का है। अब जानिए पूरा मामला… खुदाई के दौरान मिला था प्राचीन सिक्कों से भरा कलश
17 दिसंबर को ठाकुरापुर गांव में बाबा कुटी मंदिर के निर्माण को लेकर जेसीबी से खुदाई कराई जा रही थी। जेसीबी गांव का गोलू चला रहा था। इसी दौरान जमीन से एक पुराना कलश निकला। जब कलश को खोलकर देखा गया, तो उसमें 509 चांदी के पुराने सिक्के मिले। इसके बाद तुरंत खुदाई रुकवा दी गई। मंदिर के महंत उपेंद्र सिंह उर्फ उपेंद्र बाबा कलश को अपने साथ ले गए। कलश के अंदर 1860, 1880, 1901 समेत अन्य सालों के प्राचीन सिक्के मिले। लेकिन, महंत ने यह बात पुलिस को नहीं बताई। सिक्के अपने पास ही रख लिए। JCB चालक और साथियों ने बनाई लूट की साजिश
महंत की इस हरकत के बारे में जेसीबी केशवजोत में रहने वाले ठेकेदार हरिओम दुबे को पता चल गया। उसने यह बात नगर कोतवाली क्षेत्र के बुधईपुरवार में रहने वाले अपने दोस्त त्रिलोकी नाथ पांडेय को बताई। इसके बाद त्रिलोकी पांडेय ने लखनऊ की 35वीं पीएसी में तैनात जवान आलोक शुक्ला उर्फ सुधीर और गोंडा में पीआरडी जवान प्रदीप तिवारी के साथ मिलकर सिक्के हड़पने की साजिश रची। STF अधिकारी बनकर की लूट
18 दिसंबर को त्रिलोकी पांडेय, आलोक शुक्ला उर्फ सुधीर, प्रिंस मिश्रा, राहुल यादव, प्रदीप तिवारी और मनोज मिश्रा एक कार से बालपुर पहुंचे। उसी दिन महंत उपेंद्र बाबा कलश को अपनी कार में रखकर बालपुर बाजार सब्जी खरीदने आए थे। यह बात पहले से ही हरिओम दुबे और गोलू को पता थी। परसपुर मोड़ के पास पहुंचते ही आरोपियों ने महंत की कार रोक ली। खुद को एसटीएफ का अधिकारी बताते हुए उन्हें बालपुर स्थित इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के पास ले गए। वहां फर्जी परिचय पत्र दिखाकर पुलिस कार्रवाई का डर दिखाया। फिर चांदी के सिक्कों से भरा कलश लेकर भाग गए। तहरीर के आधार पर शुरू हुई जांच, 6 आरोपी गिरफ्तार इसके बाद महंत उपेंद्र सिंह उर्फ उपेंद्र बाबा ने डायल-112 पर सूचना दी और देहात कोतवाली पहुंचकर शिकायत दी। इसके आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ पीएसी में तैनात आलोक शुक्ला उर्फ सुधीर, त्रिलोकी पांडेय, हरिओम दुबे, प्रिंस मिश्रा, राहुल यादव और मनोज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि वो लोग इन सिक्कों को बेचने की योजना बना रहे थे। लेकिन, उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। वहीं, फरार पीआरडी जवान प्रदीप तिवारी और गोलू की तलाश की जा रही है। ————————– यह खबर भी पढ़िए बेटी को छुआ तो मां ने प्रेमी को मार डाला, कानपुर में बोली- मेरा खून खौल उठा था ‘गोरेलाल के साथ मेरे अवैध संबंध थे। लेकिन वह मेरी 13 साल की बेटी पर बुरी नजर रखता था। कहता था कि मुझे तुम्हारी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाने हैं। मैंने जब मना किया तो उसने धमकी दी। कहने लगा- तेरे इकलौते बेटे को मारकर फेंक दूंगा। एक दिन उसने मेरी बेटी को बैड टच किया। यह देखकर मेरा खून खौल उठा। मैंने उसी पल गोरेलाल को खत्म करने का मन बना लिया। मैंने अपने भतीजे ईशू को बुलाया। गोरेलाल को शराब पिलाई। फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शव को जंगल में फेंक दिया।’ यह कबूलनामा है कि चौबेपुर की रहने वाली लक्ष्मीदेवी गौतम का। पुलिस ने उसे और उसके भतीजे को अरेस्ट किया है। दोनों ने मिलकर 49 दिन पहले गोरेलाल का मर्डर किया था। पुलिस ने दोनों की निशानदेही से चौबेपुर के जंगल से गोरे लाल का कंकाल बरामद किया है। पढ़िए पूरी खबर…


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