गोंडा जिले में बढ़ती शीतलहर के मद्देनजर जिला प्रशासन ने व्यापक कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के निर्देश पर जिले में कई रैन बसेरे स्थापित किए गए हैं, जहां लोग निशुल्क आश्रय पाकर ठंड से बचाव कर रहे हैं। इन रैन बसेरों की जमीनी हकीकत जानने के लिए अधिकारियों ने दिन-रात औचक निरीक्षण किए है। रैन बसेरा संचालकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि आश्रय लेने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो। ठंड से बचाव के लिए रुकने वाले सभी जरूरतमंदों को जगह दी जाए। उनके सामानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। एडीएम आलोक कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव और सभी उप जिलाधिकारियों ने देर रात शहर के विभिन्न नगर निकाय क्षेत्रों, प्रमुख चौराहों, रैन बसेरों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अलाव स्थलों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान रैन बसेरों में ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं पाई गईं। जरूरतमंदों को कंबल, गर्म बिस्तर, स्वच्छ जल और प्रकाश की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भी अलाव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, जिससे रात में यात्रियों और राहगीरों को ठंड से राहत मिल सके। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने सभी संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि शीतलहर के कारण किसी भी नागरिक को समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अलाव की निरंतर उपलब्धता, रैन बसेरों की नियमित निगरानी और जरूरतमंदों की सहायता प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने रैन बसेरों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए, ताकि आम जनता को उनकी जानकारी मिल सके।
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