हापुड़ में एक नाबालिग किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने दोनों दोषियों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, प्रत्येक पर दस-दस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि यह घटना 3 सितंबर 2022 को हुई थी। देहात क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाना देहात में तहरीर दी थी, जिसमें बताया गया था कि उनकी 13 वर्षीय बेटी दोपहर करीब डेढ़ बजे स्कूल से घर लौट रही थी। परिजनों ने पुलिस से की थी शिकायत रास्ते में मुरादपुर गांव निवासी शहजाद और भूरे उर्फ आस मोहम्मद ने किशोरी को रोक लिया। वे उसे गन्ने के खेत में ले गए और उसके साथ सामूहिक रेप किया। आरोपियों ने किशोरी को किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। घटना के बाद किशोरी गुमसुम रहने लगी। मां के पूछने पर उसने पूरी बात बताई, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया और न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने यह फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने दोषी शहजाद और भूरे उर्फ आस मोहम्मद को सजा सुनाई। दोनों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा दी गई है।
https://ift.tt/i3RhI1q
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply