खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिन्द सिंह के चार साहिबजादों सहित अनेक सिख योद्धाओं ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। राष्ट्र चेतना मिशन विभिन्न स्कूलों में 11 दिनों तक बच्चों को उनकी शौर्य गाथा से अवगत करा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को बुलंदशहर-मेरठ हाईवे स्थित सैंट गिरि स्कूल में वीर बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्र चेतना मिशन के अध्यक्ष हेमन्त सिंह ने मुगलों के अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब देने वाले शूरवीर सिख योद्धाओं के गौरवशाली इतिहास का वर्णन किया। उन्होंने गुरु गोबिन्द सिंह के साहिबजादों के बलिदान की कहानी सुनाई। हेमन्त सिंह ने बताया कि गुरु गोबिन्द सिंह के दो बड़े पुत्र अजीत सिंह और जुझार सिंह 21 दिसंबर 1704 को चमकौर के युद्ध में बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उनके दोनों छोटे बेटे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिंद के नवाब वजीर खान ने 26 दिसंबर 1704 को किले में जिंदा दीवार में चिनवा दिया था। भीषण अत्याचारों के बावजूद साहिबजादों ने धर्म परिवर्तन स्वीकार नहीं किया और सनातन धर्म की रक्षा में बलिदान हो गए। उनके इस बलिदान ने हजारों योद्धाओं को प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप मुगलों के खिलाफ संघर्ष जारी रहा। वीर बाल दिवस कार्यक्रम में संस्था की ओर से सैकड़ों बच्चों को बड़ी एलईडी स्क्रीन पर एनिमेशन फिल्म ‘चार साहिबजादे’ दिखाकर इस ऐतिहासिक घटनाक्रम से अवगत कराया गया। कार्यक्रम के समापन पर नवम गुरु तेग बहादुर की जीवन गाथा पर आधारित पुस्तकें भी वितरित की गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सैंट गिरि स्कूल के प्रिंसिपल अंकित अंसारा ने राष्ट्र चेतना मिशन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज के बच्चों और युवा पीढ़ी को हमारे गौरवशाली इतिहास का ज्ञान होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने संस्था के पदाधिकारियों का आभार भी व्यक्त किया। इस अवसर पर राष्ट्र चेतना मिशन के अध्यक्ष हेमन्त सिंह, जिला उपासना प्रमुख आचार्य कृष्ण मिश्रा, स्कूल प्रिंसिपल अंकित अंसारा, संजीव यादव, देवेश शर्मा, अरुण राजपूत, हेमन्त गुप्ता, अर्पित भारद्वाज और मुकुल राजपूत सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
https://ift.tt/UJSO3cF
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply