लखनऊ के गोमती नगर स्थित गुरुद्वारा सचखंड साहिब में श्री गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा परिसर में गुरमत समागम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में संगत ने भाग लिया। समागम में गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी गुरप्रीत सिंह, दरबार साहिब अमृतसर से आए सुखवंत सिंह और गोमती नगर की महिला सत्संग सभा ने गुरबाणी कीर्तन प्रस्तुत किया। कीर्तन के दौरान ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारों से गुरुद्वारा परिसर गूंज उठा। गुरु गोबिंद सिंह ने सत्य के मार्ग पर अडिग रहने की शिक्षा दी इस अवसर पर ग्रंथी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन साहस, त्याग और मानवता की रक्षा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि गुरु साहिब ने अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने और सत्य के मार्ग पर अडिग रहने की शिक्षा दी। खालसा पंथ की स्थापना कर उन्होंने समाज को समानता, भाईचारे और सेवा का संदेश दिया। इस आयोजन ने संगत को गुरु साहिब के आदर्शों पर चलने और समाज में सेवा, प्रेम तथा सद्भाव के लिए प्रेरित किया। गुरमत समागम के बाद गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया, जिसमें सभी लोगों ने प्रसाद लिया। आयोजन के दौरान गुरुद्वारा प्रबंधन ने सुरक्षा, स्वच्छता और व्यवस्था के समुचित इंतजाम किए थे।
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