भास्कर न्यूज |फतेहपुर फतेहपुर से सटे मसलिया प्रखंड में स्थित गुमरो पहाड़ आज संताल परगना के प्रमुख प्राकृतिक पर्यटन स्थलों में अपनी अलग पहचान बना चुका है। अंग्रेजी नववर्ष के अवसर पर यह स्थल खास तौर पर युवाओं और पर्यटकों की पहली पसंद बन जाता है। हर साल 1 जनवरी को यहां हजारों की संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं और पूरे दिन प्रकृति की गोद में उत्सव का आनंद लेते हैं। लगभग पांच सौ फीट ऊंचा और करीब चार सौ बीघा क्षेत्र में फैला यह पहाड़ अपनी अनोखी प्राकृतिक संरचना और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है।गुमरो पहाड़ की सबसे बड़ी विशेषता इसके बीच-बीच में बहने वाले मीठे जल के झरने और विशाल, प्राकृतिक रूप से आकार ले चुकी चट्टानें हैं, जो दूर-दराज से आए सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ऊँचाई पर चढ़ते समय घुमावदार और ढलान भरी सड़कों पर सफर करना किसी पहाड़ी पर्यटन स्थल, विशेषकर शिमला की याद दिला देता है। पहाड़ की चट्टानों पर उभरे बाघ के पंजों के निशान और मानव आकृति जैसी संरचनाएं लोगों के बीच खास आकर्षण का केंद्र हैं, जहां बिना सेल्फी लिए शायद ही कोई लौटता हो। पहाड़ की तलहटी में स्थित बाबा पहाड़ का स्थान स्थानीय ग्रामीणों की गहरी आस्था से जुड़ा है। मान्यता है कि बाबा की कृपा से ही इस क्षेत्र में आने-जाने वाले लोग सुरक्षित रहते हैं। हर वर्ष बंगला अंतिम सावन के दिन यहां भव्य वार्षिकी पूजा का आयोजन होता है, जिसमें आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और रोमांच का संगम गुमरो पहाड़ को एक विशिष्ट पिकनिक स्पॉट बनाता है। प्रशासनिक उदासीनता से खतरे में पहाड़ का अस्तित्व गुमरो पहाड़ की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इसकी प्राकृतिक सुंदरता आज गंभीर संकट से जूझ रही है। प्रशासनिक देखरेख और ठोस संरक्षण नीति के अभाव में यह क्षेत्र लगातार क्षतिग्रस्त होता जा रहा है। पहाड़ के नीचे स्थित वह सपाट मैदान, जहां कभी जमाबंदी होती थी, अब अनियंत्रित रूप से की जा रही खेती और गतिविधियों के कारण अपनी पहचान खो चुका है। पहाड़ की विशाल चट्टानों को पत्थर माफिया द्वारा तोड़े जाने से इसकी प्राकृतिक संरचना पर गहरा असर पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने संरक्षण, सुरक्षा और पर्यटन विकास की ठोस योजना नहीं बनाई, तो आने वाले वर्षों में गुमरो पहाड़ अपनी प्राकृतिक पहचान और पर्यटन संभावनाएं दोनों खो सकता है। अब जरूरत है कि प्रशासन इस अनमोल धरोहर को बचाने के लिए गंभीर कदम उठाए। मसलिया थाना प्रभारी राजेश रंजन ने कहा की पिकनिक और नए साल के आगमन के समय सुरक्षा की दृष्टि से चौकीदारों का नियुक्त किया जाएगा ।गश्ती दल के द्वारा पेट्रोलिंग किया जाएगा ।
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