पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी के दौरान चोट लगने की शिकायत पर देवरिया की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी की अदालत ने गंभीर संज्ञान लिया है। अदालत ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को 10 दिन के भीतर मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने शिकायत को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि गिरफ्तारी के दौरान बल प्रयोग के आरोप संवेदनशील होते हैं। इनकी निष्पक्ष जांच अत्यंत आवश्यक है। इसी के तहत एसपी को अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। अमिताभ ठाकुर को औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री में जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। रिमांड के दौरान उन्होंने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी के समय पुलिस द्वारा जबरदस्ती की गई, जिससे उन्हें शारीरिक चोटें आईं। पुलिस द्वारा अदालत में प्रस्तुत मेडिको-लीगल रिपोर्ट (एमएलसी) में भी अमिताभ ठाकुर के शरीर पर दो चोटें दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये चोटें किसी कठोर या कुंद वस्तु से लगी प्रतीत होती हैं और ताजा हैं। यह रिपोर्ट प्रथम दृष्टया आरोपी की शिकायत को बल देती है। अदालत ने कहा कि आरोपी की शिकायत जांच योग्य है और एसपी से तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपेक्षा की जाती है। इस आदेश के बाद पुलिस विभाग भी मामले की जांच को लेकर सक्रिय हो गया है। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर वर्तमान में औद्योगिक प्लॉट से संबंधित जालसाजी मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस की जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो पाएगा कि गिरफ्तारी के दौरान दुर्व्यवहार हुआ था या नहीं।
https://ift.tt/cXFOZr5
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply