गाजीपुर में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने उन छह फर्मों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में झारखंड के रांची-हटिया से करीब 11.50 करोड़ रुपए की कफ सिरप खरीदी थी, लेकिन बिक्री का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया। इस भारी अनियमितता के बीच 7 लाख से अधिक कफ सिरप की शीशियों का हिसाब नहीं मिल रहा है। ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश मौर्य ने बताया कि लखनऊ से प्राप्त सूची के आधार पर जिले की छह फर्मों पर 14 से 20 नवंबर के बीच सत्यापन किया गया। जांच के दौरान फर्म संचालक खरीद-बिक्री का कोई विवरण उपलब्ध नहीं करा सके और विभिन्न प्रश्नों के जवाब देने से बचते नजर आए। स्थिति संदिग्ध पाए जाने पर 24 नवंबर को इन छह फर्मों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। अब दवा की खरीद-बिक्री से जुड़े पूरे नेटवर्क की जांच जारी है। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इन फर्मों ने पिछले तीन वर्षों में भारी मात्रा में कफ सिरप खरीदी, लेकिन यह कहां बेची गई और किसने खरीदी, इसका कोई ठोस रिकॉर्ड नहीं मिला है। किन-किन फार्मों को भेजा गया नोटिस ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश मौर्य ने बताया कि निम्नलिखित फार्मों को नोटिस भेजा गया है- 7 लाख से अधिक शीशियां ‘खपत’, किसी को भनक तक नहीं मामले की सबसे बड़ी हैरानी यह है कि करीब 7 लाख शीशियों के बराबर कफ सिरप की खपत हो गई, और जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। लोगों में चर्चा है कि इतनी बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप आखिर कहां गई? क्या यह अवैध बाजारों में पहुंची? क्या इसमें किसी बड़े गिरोह का हाथ है? फिलहाल जांच टीम इस पूरे प्रकरण की परतें खोलने में जुटी है। अधिकारियों के मुताबिक, सभी दस्तावेजों के आने के बाद ही पूरा खेल बेनकाब होगा।
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