गाजीपुर के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया क्षेत्रीय कार्यालय, गाजीपुर पश्चिम के सभागार में नराकास (नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति) की छमाही समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, गाजीपुर पश्चिम के क्षेत्र प्रमुख संजय कुमार सिन्हा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के उपनिदेशक छबिल कुमार मेहेर उपस्थित रहे। इस बैठक में केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों, उपक्रमों और बैंकों के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान पिछले छह महीनों में सदस्य कार्यालयों द्वारा हिंदी के प्रयोग-प्रसार की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। अध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने अधिकांश कार्यालयों द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कार्यालयी कामकाज में सरल हिंदी के प्रयोग, सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से राजभाषा को बढ़ावा देने और ‘कंठस्थ’ जैसे अनुवाद टूल्स के उपयोग पर जोर दिया। साथ ही, जिन कार्यालयों में हिंदी टाइपिंग या पत्राचार में कठिनाई आ रही है, वहां नियमित हिंदी कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश दिए गए। मुख्य अतिथि छबिल कुमार मेहेर ने अपने संबोधन में कहा कि राजभाषा का कार्यान्वयन केंद्र सरकार के प्रत्येक कार्यालय का संवैधानिक दायित्व है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसका प्रभावी क्रियान्वयन हिंदी को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाता है। इस अवसर पर 25 कार्यालयों के राजभाषा कार्यों की समीक्षा के बाद पुरस्कार प्रदान किए गए। केन्द्रीय विद्यालय गाजीपुर को प्रथम, बैंक ऑफ बड़ौदा को द्वितीय और इंडियन बैंक को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। द ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय गाजीपुर को सांत्वना पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम का संचालन नराकास गाजीपुर के सदस्य सचिव अतुल सिंह ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन नीरज राय ने प्रस्तुत किया।
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