गाजीपुर जिले के जमानियां क्षेत्र में मृत पाई गई दुर्लभ गंगा डॉल्फिन (नर) की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आज शुक्रवार को सामने आ गई है।वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार,डॉल्फिन की मौत का कारण दम घुटना बताया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बावजूद यह मामला अब भी हाईप्रोफाइल बना है। टीमें डॉल्फिन की संदिग्ध मौत के हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही हैं। विभाग ने कुछ संदिग्धों को चिन्हित किया है,और टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। डॉल्फिन की मौत का स्पष्ट खुलासा करना वन विभाग के लिए एक चुनौती बना हुआ है। जांच टीमों को इस मामले की तह तक जाने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि करीब पांच फीट लंबी और लगभग 150 किलो वजनी यह नर गंगा डॉल्फिन बीते मंगलवार की दोपहर कालूपुर गंगा तट के किनारे मृत अवस्था में मिली थी। डॉल्फिन का पोस्टमार्टम उसी दिन देर रात डिप्टी सीवीओ सर्वेश कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में किया था। पोस्टमार्टम के बाद,डॉल्फिन का अंतिम संस्कार मलसा पौधशाला परिसर में विधिवत रूप से जलाकर किया गया।इसके बाद अज्ञात तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। रेंजर ने बताया कि गंगा डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित है।इसका शिकार,व्यापार या इस पर हमला करना कानूनन गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। डॉल्फिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची एक (शेड्यूल 1) में संरक्षित जलीय जीव है। रेंजर के अनुसार,तस्कर डॉल्फिन का शिकार कर इसके तेल,दांत,मांस को अवैध बाजारों में ऊंचे दामों पर बेचते हैं,जो पूरी तरह से प्रतिबंधित है। एक डॉल्फिन से लगभग पांच से दस लीटर तक तेल निकलता है,जिसकी कीमत बाजार में 1,500 से 2,000 रुपए प्रति लीटर तक होती है। इस तेल का उपयोग जोड़ों के दर्द सहित विभिन्न औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। मछुआरे मछली पकड़ने में भी डॉल्फिन के तेल का अवैध रूप से उपयोग करते हैं। रेंजर जेएसपी वर्मा ने स्पष्ट किया कि मृत डॉल्फिन नर प्रजाति की थी और उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की छानबीन जारी है और जल्द ही इसका खुलासा कर दिया जाएगा।
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