केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को निट्रा (राष्ट्रीय वस्त्र अनुसंधान संघ), गाजियाबाद में देश के पहले मैनिकिन ज्वाला परीक्षण उपकरण का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने निट्रा परिसर में उगाई जा रही मिल्क्वीड (ऑक) की फसल का भी निरीक्षण किया। कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल निट्रा बल्कि पूरे गाजियाबाद और देश के वस्त्र उद्योग के लिए गर्व का क्षण है। यह मशीन औद्योगिक सुरक्षा मानकों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ऑक फाइबर की खेती परियोजना की सराहना
गिरिराज सिंह ने निट्रा के महानिदेशक डॉ. एम.एस. परमार द्वारा संचालित मिल्क्वीड (ऑक) फाइबर अनुसंधान परियोजना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऑक फाइबर हल्का, मजबूत और तापरोधी होता है, जिसकी खूबियों का उल्लेख स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। यह भविष्य में देश के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा। डॉ. परमार ने बताया कि ऑक का पौधा बहुत कम पानी में उग जाता है, और इसे खाद या दवाई की आवश्यकता नहीं होती। एक बार लगाने पर यह पौधा लगभग 10 वर्षों तक फाइबर प्रदान करता है। इसी उपयोगिता को देखते हुए मंत्री और डॉ. परमार ने मिलकर एक कोर ग्रुप बनाया है, जिसमें देश के प्रमुख वैज्ञानिक शामिल हैं। विभिन्न राज्यों से बीज लाकर सैकड़ों बीघा जमीन पर इसकी खेती की जा रही है, ताकि इसके आर्थिक, पर्यावरणीय और मिट्टी संरक्षण के प्रभावों का अध्ययन किया जा सके। क्या है मैनिकिन ज्वाला परीक्षण उपकरण?
इस हाई-टेक मशीन में अग्निरोधी कपड़े पहने हुए एक मैनिकिन को कुछ समय के लिए आग और अत्यधिक गर्मी के संपर्क में रखा जाता है। इसमें लगे 100 से अधिक सेंसर रिकॉर्ड करते हैं कि कपड़ा कितनी सुरक्षा दे पा रहा है। यह तकनीक स्टील, तेल, गैस, रेलवे, केमिकल और बिजली जैसे जोखिमपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उपयुक्त सुरक्षा कपड़े चुनने में मदद करेगी। डॉ. एम.एस. परमार ने कहा कि यह उपकरण सुरक्षा मानकों को नए स्तर पर ले जाएगा और श्रमिकों की जान बचाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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