कमिश्नरेट गाजियाबाद में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पुलिस और प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत पांच कुख्यात अपराधियों को छह माह के लिए जिला बदर करने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रशासन के अनुसार, ये सभी आरोपी लंबे समय से विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे। इनके विरुद्ध लूट, चोरी, अवैध हथियार रखने, हत्या का प्रयास, मारपीट, जान से मारने की धमकी देने और सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसे गंभीर अपराधों में कई मुकदमे दर्ज हैं। इन आरोपियों के कारण संबंधित क्षेत्रों में आम जनता के बीच भय का माहौल बना हुआ था। लोग इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने या गवाही देने से भी कतराते थे, जिससे इनकी आपराधिक गतिविधियां बेरोकटोक जारी थीं। जिला बदर किए गए आरोपियों में टीला मोड़ थाना क्षेत्र का निवासी अजीत माथुर, विजयनगर थाना क्षेत्र के प्रताप विहार का केतन कुमार यादव उर्फ हैपी यादव, नंदग्राम थाना क्षेत्र के ग्राम अटौर का रवि, अंकुर विहार थाना क्षेत्र के विकास नगर का रामराज उर्फ राज और मुरादनगर थाना क्षेत्र के ग्राम भिक्कमपुर का जतिन शामिल हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, इन सभी का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। बार-बार अपराधों में इनकी संलिप्तता के कारण क्षेत्र की शांति व्यवस्था लगातार प्रभावित हो रही थी। इसी आधार पर पुलिस ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत की, जिसके बाद यह जिला बदर की कार्रवाई की गई। न्यायालय के आदेशानुसार, इन सभी आरोपियों को अगले छह माह तक गाजियाबाद जनपद की सीमाओं से बाहर रहना होगा। यदि इस अवधि के दौरान कोई भी आरोपी जिले की सीमा में पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन का कहना है कि इस कार्रवाई से जिले में अपराध पर अंकुश लगेगा और आम जनता को राहत मिलेगी। साथ ही, यह स्पष्ट संदेश भी दिया गया है कि गाजियाबाद में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ भविष्य में भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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