मेरठ के खरखोदा विकासखंड स्थित शाफियाबाद गांव के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि गांव में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं, जिससे गंदगी और टूटी सड़कों की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस कारण गांव के युवाओं की शादी में भी दिक्कतें आ रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के प्रवेश द्वार पर ही गंदा पानी भरा रहता है। शाफियाबाद में बड़ी संख्या में दलित परिवार रहते हैं। पंकज वर्मा नामक ग्रामीण ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान जीनत बेगम के जेठ वसीम, जो गांव के विकास कार्य देखते हैं, उन्होंने दलित बस्ती में टाइल्स लगवाने से इनकार कर दिया। वसीम ने कथित तौर पर कहा कि इस बस्ती ने उन्हें वोट नहीं दिया, इसलिए यहां विकास कार्य नहीं होंगे। गंदा पानी और टूटी सड़कें देखकर वापिस चले जाते है रिश्तेदार
कुसुम नामक एक अन्य ग्रामीण महिला ने बताया कि गांव की टूटी सड़कों और गंदगी के कारण रिश्ते वाले गांव में आने से कतराते हैं, जिससे कई युवक-युवतियों की शादी नहीं हो पा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि बारिश के समय मुख्य रास्ते पर पानी भर जाता है और नालियों का पानी भी हर समय भरा रहता है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं और गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है। स्कूल जाने वाले बच्चे अक्सर पानी में गिर जाते हैं, जिससे उनके कपड़े खराब हो जाते हैं और ग्रामीणों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है। महिला ग्राम प्रधान को कुछ नहीं पता, जेठ करते है कार्य
ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान जीनत बेगम से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। सोमवार को उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारी मृदुला दुबे को ज्ञापन सौंपा और तत्काल कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही रास्ते का निर्माण नहीं कराया गया, तो वे कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारी मृदुल दुबे ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को मामले की जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान कराया जाएगा।
https://ift.tt/KDAMSG0
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply