फर्रुखाबाद के गंगा घाटों पर अब स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत सभी दुकानदारों, नाविकों और गंगा पुत्रों का पंजीकरण अनिवार्य होगा, और उन्हें पहचान पत्र (आईकार्ड) रखना होगा। नाविकों को लाइफ जैकेट के बिना नाव चलाने और क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने की अनुमति नहीं होगी। प्रत्येक नाव और दुकान पर नाम, पता और पंजीकरण नंबर स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा। इसके अतिरिक्त, नाबालिग अब नाव नहीं चला सकेंगे। यह नई व्यवस्था माघ माह में लगने वाले प्रसिद्ध पांचाल घाट रामनगरिया मेले से पहले लागू की जा रही है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु कल्पवास और छह प्रमुख पर्वों पर स्नान के लिए आते हैं। वर्तमान में गंगा के आसपास के दुकानदारों, नाविकों और गंगा पुत्रों का प्रशासन के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसी कमी को दूर करने के लिए वन विभाग की देखरेख में दो प्रमुख घाटों पर यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत पांचाल घाट और ढाईघाट पर बिना पंजीकरण के कोई भी नाविक, गंगा पुत्र या दुकानदार काम नहीं कर पाएगा। सभी का पंजीकरण कर उन्हें आईकार्ड जारी किए जाएंगे। दुकानों पर दुकानदार का नाम, पिता का नाम, पंजीकरण संख्या और मोबाइल नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को आवश्यकता पड़ने पर सहायता प्रदान करेगी। घाटों के आसपास ग्राम प्रधानों, पुलिस और अन्य आपातकालीन सेवाओं जैसे बिजली विभाग, सफाई विभाग, अग्निशमन और एंबुलेंस के मोबाइल नंबर भी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे। प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) राजीव कुमार ने बताया कि ढाईघाट और पांचाल घाटों पर इस नई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) की देखरेख में अभियान चलाया जाएगा। पंजीकरण शुल्क जल्द ही निर्धारित किया जाएगा, और इससे प्राप्त राशि ग्रामसभा के खाते में जमा की जाएगी। वन विभाग इन नियमों का सख्ती से पालन कराएगा। गंगा पुत्रों, नाविकों और दुकानदारों को अपशिष्ट प्रबंधन पर भी कड़ी निगरानी रखनी होगी। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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