लखीमपुर खीरी में वित्तीय अनियमितता के आरोप में एक पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है। उन पर तबादले के बाद भी ग्राम निधि से गलत तरीके से भुगतान कराने का आरोप है। इस मामले में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) पंचायत की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उनकी भी जांच शुरू कर दी गई है, जबकि ग्राम प्रधान को नोटिस जारी किया गया है। यह मामला पलिया ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिंगाही खुर्द से जुड़ा है। यहां तैनात पंचायत सचिव जितेंद्र कुमार चौधरी का 3 दिसंबर को तबादला हो गया था। आरोप है कि तबादले के बावजूद उन्होंने ग्राम प्रधान के साथ मिलीभगत कर ग्राम निधि से भुगतान करा लिया। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि रात्रिकालीन समय में वाउचर तैयार कर निधि का दुरुपयोग करते हुए भुगतान निकाला गया। जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) विशाल सिंह ने बताया कि करीब 29 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, जिसमें एमबी के अतिरिक्त 16 से 17 हजार रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी शामिल है। जांच में कई बिल-वाउचर पर तिथि अंकित नहीं मिली, जो गंभीर वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा करती है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिषेक कुमार ने बताया कि वित्तीय अनियमितता के आरोप में सिंगाही खुर्द के सचिव को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में एडीओ पंचायत की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है, इसलिए उनकी भी जांच कराई जा रही है। सीडीओ ने स्पष्ट किया कि वित्तीय पारदर्शिता से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई तय है। मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस घटना के बाद जिला पंचायत राज विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और प्रशासनिक स्तर पर निगरानी और सख्त किए जाने की तैयारी चल रही है।
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